यह भी पढ़ें
Diwali Bonus : दीपावली पर यूपी सरकार का बड़ा तोहफा: राज्य कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ेगा 4%
डीए में 4% की बढ़ोतरी
महंगाई भत्ते (डीए) में 4% की बढ़ोतरी की जा सकती है। वर्तमान में डीए 50% है, जिसे बढ़ाकर 54% किया जाएगा। डीए में यह वृद्धि जुलाई 2023 से प्रभावी होगी। इसका मतलब यह है कि कर्मचारियों को जुलाई से डीए के अंतर का भुगतान एक साथ मिलेगा। यह वृद्धि राज्य के 15 लाख कर्मचारियों और शिक्षकों पर लागू होगी, जिससे उन्हें बड़ी आर्थिक राहत मिलेगी। यह भी पढ़ें
Yogi Government: एसटीएफ का अपराधियों पर कहर: 7015 कुख्यात अपराधी गिरफ्तार, 49 मुठभेड़ों में ढेर
बोनस का लाभ
बोनस का लाभ करीब 8 लाख नॉन गजेटेड कर्मचारियों को मिलेगा। बोनस की गणना बेसिक सैलरी और डीए के आधार पर की जाती है। पिछले साल कर्मचारियों को लगभग 7,000 रुपये का बोनस मिला था, और इस बार भी लगभग उसी स्तर का बोनस मिलने की उम्मीद है। इससे कर्मचारियों की दीवाली और भी खुशहाल हो जाएगी। यह भी पढ़ें
डेंगू ने बढ़ाई योगी सरकार की चिंता, 24 घंटे में 21 मरीज मिलने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप, एडवाइजरी जारी
शिक्षकों के मुद्दे पर भी चर्चा
डीए और बोनस के अलावा, राज्य सरकार ने एडेड कॉलेजों के तदर्थ शिक्षकों और 2016 के आदेश के तहत विनियमित हुए शिक्षकों की पेंशन से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान दिया है। शिक्षक संगठनों ने उप मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि तदर्थ शिक्षकों के वेतन और पेंशन से जुड़े मामलों पर जल्द निर्णय लिया जाए। इसके अलावा, 1981 से 2020 तक 40,000 शिक्षकों और कर्मचारियों की बिजलेंस (सर्तकता) जांच को लेकर भी गंभीर चर्चा हुई, जहां अनावश्यक जांच से बचने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने पर सहमति बनी। यह भी पढ़ें
Dev Deepawali 2024: काशी के घाटों पर 12 लाख दीपों की रोशनी, 15 नवंबर को योगी सरकार करेगी भव्य आयोजन
सरकार का प्रयास
राज्य सरकार ने कहा है कि वह अपने कर्मचारियों की सभी समस्याओं को गंभीरता से ले रही है और उनके मुद्दों के समाधान के लिए तैयार है। उप मुख्यमंत्री ने भी स्पष्ट किया कि कर्मचारियों और शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी मुद्दों पर विचार किया जाएगा और जल्द ही निर्णय लिए जाएंगे। सरकार का मानना है कि कर्मचारियों के वेतन और डीए में सुधार से न केवल उनकी वित्तीय स्थिति बेहतर होगी, बल्कि इससे सरकारी कार्यक्षमता में भी वृद्धि होगी।एक महीने के भीतर निर्णय
तदर्थ शिक्षकों और पेंशन से जुड़े मुद्दों पर भी एक महीने के भीतर निर्णय लेने की सहमति बनी है। इस फैसले से सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा, क्योंकि इससे केवल कुछ हजार शिक्षकों को ही लाभ होगा।अधिकारियों की भूमिका
शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) ने बताया कि राज्य शिक्षा सेवा चयन आयोग में सेवा सुरक्षा, दंड प्रक्रिया, और अनुमोदन की नियमावली बनाने का कार्य चल रहा है। इसके अलावा, चयन बोर्ड नियमावली 1998 की धारा 12, 18, और 21 जोड़ने पर भी सहमति बनी है। यह भी पढ़ें