गोरखपुर से इलाज के लिए आया था परिवार
गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर निकट नंदा नगर निवासी जितेंद्र यादव के बेटे अभ्युदय को डायरिया हुआ था। परिवारीजनों ने स्थानीय अस्पताल में दिखाया पर फायदा नहीं हुआ तो 14 जून को लेकर केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। चौथे तल के वार्ड एक में बच्चे को भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। शटरिंग का काम करने वाले पिता जितेंद्र यादव का आरोप है कि डॉक्टर-कर्मचारियों ने हालत गंभीर होने के बावजूद ध्यान नहीं दिया। बच्चे के मामा प्रवीन यादव का आरोप है कि सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उसके गले में गंदगी फंसी थी। मशीन से उसे निकालने (सक्शन) की गुजारिश की।
नाराज परिजनों का हॉस्पिटल में हंगामा
डॉक्टर व कर्मचारियों ने फरियाद को अनसुना कर दिया। परिवारीजनों ने मशीन से गले में फंसी गंदगी साफ की, जिससे बच्चे को कुछ देर राहत मिली। इसके बाद मासूम को एम्बुबैग के सहारे रखा गया। प्रवीन का आरोप है कि लगातार पल्स रेट कम हो रही थी और वह शुक्रवार तड़के जिंदगी की जंग हार गया। इससे नाराज परिवारीजनों ने हंगामा किया। कर्मचारियों ने किसी तरह समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। परिवारीजनों का आरोप है कि रात में वार्ड में कोई भी डॉक्टर नहीं था। एक डॉक्टर कमरे में सो रहे थे। कर्मचारियों से कई बार उनको जगाने की गुजारिश की लेकिन किसी ने जहमत नहीं उठाई।
इलाज के बावजूद बिगड़ती गई तबीयत
जैसे-जैसे इलाज आगे बढ़ा वैसे-वैसे बच्चे का मर्ज बढ़ता गई। डायरिया के साथ बच्चे को दूसरी दिक्कत होने लगी। निमोनिया, पैन्सीटोपेनिया व सेप्सिस समेत दूसरी समस्याओं ने घेर लिया। उसे सांस लेने में दिक्कत होने लग गई। गुर्दों ने भी काम करना बंद कर दिया। डॉक्टरों ने डायलिसिस की जरूरत बताई।
Rain in Jhansi: झांसी में मानसून की शानदार एंट्री, गरजे बादल कड़की बिजली पैरामेडिकल स्टाफ का वीडियो वायरल
आरोप है कि यू-ट्यूब पर देखकर पैरा मेडिकल स्टाफ ने डायलिसिस की। नतीजतन उसकी हालत और गंभीर हो गई। इलाज के दौरान बच्चे का काफी रक्तस्राव हुआ, जिससे उसकी मौत हो गई। वायरल वीडियो में एक महिला पैरामेडिकल स्टाफ मोबाइल पर देखती नजर आ रही है। हिन्दुस्तान वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।