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स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार लखनऊ में डेंगू के कुल 284 मामले रिपोर्ट हुए हैं, जिनमें से 50 से अधिक मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि डेंगू को लेकर अस्पताल हाई अलर्ट पर हैं और अधिकतर मरीजों का इलाज घर पर ही किया जा रहा है। शहर के विभिन्न इलाकों जैसे आलमबाग, इंदिरा नगर, गोमतीनगर एक्सटेंशन, गोसाईगंज, मॉल और चिनहट क्षेत्रों में डेंगू के नए मामले सामने आ रहे हैं। यह भी पढ़ें
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डेंगू की रोकथाम और बचाव के उपाय
फॉगिंग और एंटी लार्वा छिड़काव: नगर स्वास्थ्य अधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव के अनुसार, डेंगू से बचाव के लिए शहर भर में फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। तालाबों और फव्वारों में गम्बूजिया मछलियां छोड़ी जा रही हैं, जो मच्छरों के लार्वा को खा जाती हैं। ड्रोन से छिड़काव: तालाबों और बड़े जलाशयों में ड्रोन से एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है ताकि मच्छरों की बढ़ती संख्या को रोका जा सके। विशेष जागरूकता अभियान: 19 से 26 जून तक विशेष अभियान चलाया गया था, जिसमें डेंगू के लार्वा को ढूंढने और नष्ट करने के प्रयास किए गए। इसमें विभिन्न कॉलोनियों में जाकर जांच की जा रही है और लार्वा पाए जाने पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है।
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अस्पतालों में तैयारियां
सरकारी अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए 100 से अधिक बेड रिजर्व कर दिए गए हैं। सिविल अस्पताल में 30, बलरामपुर में 30, लोकबंधु में 20, रामसागर मिश्रा में 10 और रानीलक्ष्मीबाई अस्पताल में 10 बेड डेंगू मरीजों के लिए सुरक्षित रखे गए हैं। जरूरत पड़ने पर बेड की संख्या और बढ़ाई जा सकती है। यह भी पढ़ें
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बचाव के उपाय
. घर के आसपास पानी जमा न होने दें। गमलों, कूलर और टायर में पानी जमा होने पर तुरंत निकालें।. कूलर में पानी होने पर कैरोसिन तेल डालें, जिससे मच्छर पनपने न पाएं।
. फुल स्लीव कपड़े पहनें और पैरों को ढकने वाले कपड़े पहनें।
. मच्छरों से बचाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें, खासकर बच्चों के लिए।
डेंगू होने पर क्या न करें
. बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें।. ज्यादा से ज्यादा पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें।
. हल्का और सादा भोजन खाएं।
स्वास्थ्य विभाग की योजना
डेंगू के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने कई योजनाएं और तैयारियां की हैं। स्वास्थ्य विभाग का मुख्य फोकस डेंगू के प्रसार को रोकने और इसके प्रभाव को कम करने पर है। इसके तहत निम्नलिखित योजनाएं और उपाय अपनाए जा रहे हैं: यह भी पढ़ें
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1. फॉगिंग और एंटी लार्वा अभियान
.शहर के डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर फॉगिंग और एंटी लार्वा छिड़काव का काम तेजी से किया जा रहा है। इससे मच्छरों की संख्या को नियंत्रित किया जा सकेगा।.ड्रोन के जरिए तालाबों, जलाशयों और अन्य पानी वाले इलाकों में एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है, ताकि मच्छरों के लार्वा को नष्ट किया जा सके।
.गंदे पानी के स्रोतों को साफ करने और रोकथाम करने के लिए गम्बूजिया मछलियां छोड़ी जा रही हैं, जो मच्छरों के लार्वा को खा जाती हैं।
2. विशेष जागरूकता अभियान
.स्कूल, कोचिंग और संस्थानों में जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि डेंगू के बचाव के लिए घरों में पानी न जमा होने दिया जाए।.विशेष अभियान के तहत कालोनियों में जाकर डेंगू लार्वा की जांच की जा रही है और लार्वा मिलने पर जुर्माना लगाया जा रहा है।
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3. अस्पतालों में बेड रिजर्व
.सरकारी अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए 100 से अधिक बेड रिजर्व कर दिए गए हैं।.सिविल अस्पताल, बलरामपुर, लोकबंधु, और अन्य अस्पतालों में डेंगू के इलाज के लिए बेड्स सुरक्षित रखे गए हैं और आवश्यकता होने पर बेड्स की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
4. 24×7 हेल्पलाइन और मॉनिटरिंग
.डेंगू के मामलों पर लगातार नजर रखने के लिए 24×7 मॉनिटरिंग की जा रही है।.सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में हेल्पलाइन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, ताकि मरीजों को सही समय पर इलाज मिल सके।
5. समुदाय के सहयोग से काम
.नगर निगम और पार्षदों के सहयोग से सामुदायिक स्तर पर सफाई अभियान चलाए जा रहे हैं।.स्थानीय संगठनों के साथ मिलकर फीडबैक सिस्टम तैयार किया गया है, जिससे डेंगू से प्रभावित इलाकों में तेजी से काम किया जा सके।
6. डेंगू से बचाव के लिए व्यापक दिशा-निर्देश
.घरों में पानी जमा न होने दें, खासकर गमले, कूलर, और टायर जैसी जगहों पर।.फुल स्लीव और शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने की सलाह दी जा रही है, ताकि मच्छरों से बचा जा सके।
.पानी की टंकियों को ढककर रखें और नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित करें।
7. मरीजों का इलाज और प्रबंधन
.गंभीर मरीजों के लिए अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं।.मरीजों की प्लेटलेट मॉनिटरिंग और समय पर सही उपचार के लिए सभी मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
.डेंगू के लक्षणों वाले मरीजों को घर पर भी आराम करने की सलाह दी जा रही है और गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जा रही है।
.यह योजनाएं योगी सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू के बढ़ते प्रकोप को नियंत्रित करने और राज्य की जनता को सुरक्षित रखने के लिए लागू की जा रही हैं।