श्रावण मास में धार्मिक पर्वों की तैयारी
सीएम योगी ने बताया कि श्रावण मास में श्रावणी शिवरात्रि, नागपंचमी, और रक्षाबंधन जैसे महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाएंगे। इसके अलावा, 7-9 जुलाई को जगन्नाथ रथ यात्रा, 7-8 जुलाई से 17-18 जुलाई तक मोहर्रम, और 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पावन अवसर है। इस दौरान बरसात का मौसम भी शुरू हो जाएगा, जिससे संचारी रोग नियंत्रण अभियान और स्कूल चलो अभियान का आयोजन भी होगा। यह भी पढ़ें
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कांवड़ यात्रा के लिए विशेष निर्देश
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की सीमा से लगे जनपदों और गाजियाबाद, मेरठ, अयोध्या, बरेली, प्रयागराज, वाराणसी, बाराबंकी, बस्ती जैसे महत्वपूर्ण जिलों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन सीमावर्ती राज्यों के साथ सतत संवाद-संपर्क और समन्वय बनाए रखें। आवाज मानकों का पालन: कांवड़ यात्रा में डीजे और गीत-संगीत की आवाज निर्धारित मानकों के अनुरूप होनी चाहिए। डीजे की ऊंचाई एक तय सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए।
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स्वच्छता और सुरक्षा: यात्रा मार्ग पर स्वच्छता-सैनिटाइजेशन, स्ट्रीट लाइट, जर्जर बिजली के खंभे और झूलते-लटकते बिजली के तारों की व्यवस्था समय से कर ली जाए। भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा: भीड़ प्रबंधन, रूट डायवर्जन, पुलिस बल की तैनाती, सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था समय से कर ली जाए।
शिवालयों के आस-पास की स्वच्छता
श्रावण मास के दौरान प्रत्येक सोमवार को शिवालयों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है। मुख्यमंत्री ने पंचायती राज और नगर विकास विभाग को निर्देश दिए कि शिवालयों के आस-पास की नालियां चोक न हों और उनकी साफ-सफाई समय से कराई जाए। यह भी पढ़ें
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धार्मिक पर्वों के लिए दिशानिर्देश
आम जन को सुविधाएं: पर्व-त्योहारों में प्रशासन द्वारा आम जन को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। धार्मिक परंपरा और आस्था को सम्मान दें, लेकिन परंपरा के विरुद्ध कोई कार्य न हो।अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन न हो: धार्मिक यात्राओं और जुलूसों में किसी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। ऐसी कोई घटना न हो जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हों।
शांति और सौहार्द: हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच संपन्न हो, इसके लिए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। कांवड़ शिविर लगाने वाले स्थान पहले से चिन्हित हों, ताकि आवागमन बाधित न हो।
सुरक्षा व्यवस्था
शरारती तत्व दूसरे समुदाय के लोगों को अनावश्यक उत्तेजित करने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे मामलों पर नजर रखने और सुरक्षा में कोई सेंध न लगने देने के लिए हर समय अलर्ट रहने की आवश्यकता है। कांवड़ शिविर लगाने वालों का सत्यापन करें और अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता से निपटें। ड्रोन से भी निगरानी करें। यह भी पढ़ें