ये भी पढ़ें- मूर्ति मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बसपा का आया बड़ा बयान, साफ कर दी सबसे जरूरी यह बड़ी बात सीएम योगी ने किया मुआवजे का ऐलान- यूपी सीएम के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर बताया गया कि सीएम योगी ने कुशीनगर और सहारनपुर में जहरीली शराब से हुई मौतों का संज्ञान लेकर पीड़ितों को तत्काल चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करवाने और प्रमुख सचिव आबकारी को यूपी डीजीपी ओपी सिंह के साथ ज्वाइंट आपरेशन चलाकर इसके विक्रयकर्ताओं के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। इसी के साथ सीएम योगी ने कुशीनगर और सहारनपुर में जहरीली शराब से हुई मौतों का संज्ञान लेते हुए मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये और अस्पतालों में उपचार करा रहे प्रभावितों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिये जाने की घोषणा की है।
ये भी पढ़ें- पीएम मोदी के इस बयान पर अखिलेश यादव ने दिया करार जवाब, गठबंधन को लेकर कही यह बात डीजीपी ने कहा यह- वहीं डीजीपी ओपी सिंह ने लखनऊ में कहा कि सहरानपुर मामले में इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज और बीट सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया है। उन्होंने मिलावटी शराब के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर एक बयान में कहा कि 365 दिन हम अभियान नहीं चला सकते। उन्होंने कहा कि मिलावटी शराब के खिलाफ हमारा अभियान चलता रहता है। हम मीडिया को बताकर अभियान नहीं चला सकते। फिलहाल डीजीपी ने आईजी कुशीनगर और सहारनपुर से रिपोर्ट तलब की है।
बुधवार से शुरू हुआ मौत का सिलसिला- आपको बता दें कि यह मौत का सिलसिला बुधवार से ही जारी हो गया था। कुशीनगर में जहरीली शराब पीने से बुधवार को पांच लोगों की मौत हुई थी। वहीं गुरुवार को यह आंकड़ा 10 तक पहुंच गया था। जिसके तुरंत बाद प्रशासन ने सख्त एक्शन लेते हुए थानेदार और आबकारी निरीक्षक समेत नौ लोगों को सस्पेंड कर दिया है वहीं कच्ची शराब बेचने वालों पर मुकदमा दर्ज कर एक कारोबारी को भी गिरफ्तार किया। उधर शुक्रवार को जहरीली शराब ने सहारनपुर को भी हिला दिया, जहां के चार थाना क्षेत्रों में जहरीली शराब पीने से 24 लोगों की मौत हो गई जबकि दस से अधिक की हालत गंभीर है, जिनका इलाज मेरठ व सहारनपुर में चल रहा है।
अखिलेश सरकार में हुई थी इतनी मौतें- पूर्व में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की सरकार में सिर्फ उन्नाव और लखनऊ में जहरीली शराब के सेवन से 33 लोगों की मौत हो गई थी। उस वक्त भी कार्रवाई की बात कही गई थी। आपको बता कि जहरीली शराब की बिक्री को रोकने की जिम्मेदारी आबकारी विभाग की होती है, लेकिन अवैध शराब माफियाओं के हौसले हमेशा से बुलंद देखे गए हैं। योगी सरकार में भी लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। कई दफा पुलिस ने अवैध शराब के साथ गिरोहों को गिरफ्तार किया है, लेकिन यह नाकाफी साबित हुआ है। अवैध शराब का नेटवर्क पूर्वी यूपी से लेकर पश्चिमी यूपी तक फैला हुआ है और ताजा घटना से यह साफ जाहिर होता है कि यह पूरा नेटवर्क बिना प्रशासन की मिलीभगत के नहीं चल सकता है।