अफसरों को कार्रवाई की चेतावनी दरअसल 2 अक्टूबर से पहले प्रदेश को पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त करने के लक्ष्य को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश भर के जिलाधिकारियों के साथ सचिवालय स्थित तिलक हाल में रविवार को बैठक बुलाई थी। बैठक में ख़राब प्रदर्शन वाले जिलों के जिलाधिकारियों को फटकार लगाई गई और लक्ष्य हासिल करने को लेकर सचेत किया गया। इसके अलावा कागजों पर शौचालय निर्माण कर लक्ष्य पूरा करने में जुटे अफसरों को भी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
8 जिलों को सुधार की चेतावनी अफसरों की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में ओडीएफ का कार्य 77.52 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। सीएम ने स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ओडीएफ में पिछड़ रहे आठ जनपदों के जिलाधिकारियों को जल्द से जल्द कार्य में सुधार करने को कहा। सीएम ने कहा कि प्रदेश को 02 अक्टूबर, 2018 तक ओडीएफ घोषित करने के लक्ष्य को समय से पूरा करना है। सीएम ने कहा कि कुछ जनपदों ने अच्छा काम किया है, कुछ अच्छा काम करने की और अग्रसर हैं जबकि कुछ बहुत पीछे हैं।
व्यक्तिगत रूचि लेने की नसीहत मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम आवास योजना के तहत बनने वाले आवासों में भी शौचालय का निर्माण मनरेगा से न कर स्वच्छ भारत निर्माण के फंड से हो रहा है। जिलों में स्वच्छ भारत मिशन के लिए सीएसआर से मदद मिल सकती है लेकिन रूचि लेनी पड़ेगी। सीएम ने कहा कि सभी अफसर बुद्धिमान हैं लेकिन लक्ष्य से चूक रहे हैं। आज भी जिन परिवारों के पास अपना घर और शौचालय नहीं है, उनसे गरीब कौन होगा। उनके बीच जाकर काम करने का अवसर बहुत पुण्य से मिलता है।
हड़ताल करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश सीएम ने कहा कि जनपद में कहीं इज्जतघर का निर्माण होता है और भुगतान में कुछ देरी देरी होती है तो समझाकर पहल करनी होगी। कोई डीएम कहे कि शौचालय निर्माण के लिए बालू नहीं है तो यह बेहद चिंताजनक है। डीएम व्यवस्था कर सकता है। यह बहाना नहीं चलेगा। व्यक्तिगत रूचि लेनी पड़ेगी। कभी लेखपाल हड़ताल पर चले जाते हैं तो कभी सचिव हड़ताल पर चले जाते हैं। इनका सामान जमा करा लो। इन्हें हमेशा के लिए हड़ताल पर भेज दो। सरकार बोझा नहीं उठाएगी। शासन के कार्य हर हाल में होंगे। सरकार तरीका निकाल लेगी।
भटकते रहते हैं फरियादी मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके किसी जनपद के दौरे पर जाने पर शिकायतों का अम्बार मिलता है। जमीन की पैमाइश, जमीन पर कब्जा, हैंडपंप से पानी नहीं मिलने की शिकायत, आय प्रमाण पात्र नहीं बनने जैसी शिकायत सामने आती हैं। जिन समस्याओं का 24 घंटे में समाधान हो जाना चाहिए, वे लोग महीनों चक्कर काटते हैं। हम तंत्र क्यों नहीं तैयार कर पाए कि शासन की योजनाएं ईमानदारी से पहुंच पाए। शासन की योजनाओं का लाभ पात्रों को क्यों नहीं मिल पा रहा है।
अफसर देते हैं गलत सूचनाएँ मुख्यमंत्री जन सुनवाई पोर्टल पर समस्याओं के निस्तारण में लापरवाही पर सीएम ने अफसरों को जमकर फटकारा। उन्होंने कहा कि जन सुनवाई पोर्टल की निगरानी मैं खुद कर रहा हूँ। इसके बाद भी अफसर इस पर गलत सूचनाएँ देते हैं। सामान्य लोगों की क्या स्थिति होती होगी।