अफसर नहीं सुन रहे समस्याएं रविवार को लखनऊ में प्रदेश भर के जिलाधिकारियों के साथ हुई बैठक में जिस तरह मुख्यमंत्री ने अफसरों को फटकार लगाई, उससे एक बात तो साफ़ है कि सीएम नौकरशाही की कार्यशैली से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने एक ओर जहां स्वच्छ भारत मिशन में अफसरों को आलस और बहानेबाजी पर फटकार लगाई तो दूसरी ओर जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनता के बीच ठीक ढंग से न पहुंचने को लेकर भी सवाल खड़े किये। उन्होंने इस बात के लिए भी अफसरों को फटकार लगाई कि हैंडपंप पर कब्जे और आय प्रमाण पत्र जैसी मामूली समस्याओं का भी अफसर महीनों तक निस्तारण नहीं करते।
अफसरों पर एक्शन लेंगे सीएम मुख्यमंत्री के रुख से लगता है कि सीएम अब आगे आने वाले दिनों में अफसरों पर एक्शन लेते दिखेंगे। रविवार को हुई बैठक में उन्होंने कहा कि इस बैठक में प्रदेश भर के जिलाधिकारियों के साथ ही विशेष सचिव भी बुलाये गए हैं। बैठक में उन्होंने साफ़ कहा कि इन विशेष सचिवों को यहाँ इसलिए बुलाया गया है क्योंकि यही कल को जिलाधिकारी बनेंगे। बैठक में मौजूद जिलाधिकारियों को सीएम ने इस बहाने साफ़ सन्देश दे दिया। इसके साथ ही उन्होंने कर्मचारियों की हड़ताल पर भी सख्ती का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि लेखपाल और पंचायत सचिव अक्सर हड़ताल पर रहते हैं। जो काम नहीं करना चाहते, उन्हें हमेशा के लिए हड़ताल पर भेज देने को सीएम ने कहा। उनका संकेत साफ़ है कि आने वाले दिनों में हड़ताली और काम से बचने वाले कर्मचारियों पर भी सरकार एक्शन मूड में दिखाई देगी।