लखनऊ.प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब किसी भी कीमत में पार्टी की छवि धूमिल नहीं होने देना चाहते। कौमी एकता दल के सपा में विलय और मुख्तार अंसारी के लखनऊ जेल में शिफ्ट होने पर वह बेहद खफा हैं। कौमी एकता दल से मुख्तार अंसारी का सम्बन्ध होने की वजह से लखनऊ के सियासी गलियारे में खलबली मच गई है। इसको लेकर मुख्यमंत्री के परिवार में मान मनौव्वल का दौर चल रहा है। सीएम अखिलेश कोचाचा शिवपाल सिंह और पिता मुलयाम सिंह यादव मनाने में जुट गए हैं। इस खलबली के बीच गुरुवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है जिसमें कौमी एकता का सपा में भविष्य होगा या नहीं इस पर चर्चा चल रही है। चाचा भतीजा वाली समाजवादी पार्टी में कौमी एकता को लेकर आई दरार बड़ी नज़र आ रही है। सीएम का मुख्तार अंसारी को लेकर तेवर तल्ख हैं। वह किसी भी कीमत पर इस दल के विलय पर अपनी मंजूरी नहीं देंगे। बैठक में आए शिवपाल यादव और परिवार के वरिष्ठ सदस्यों ने सीएम को कौमी एकता दल के विलय के फायदे गिनाए लेकिन सीएम मुख्तार की माफिया छवि को पसंद नहीं करते।यह भी पढ़ें-ऐसा क्या हुआ था जो सीएम अखिलेश को चूल्हे पर बनना पड़ा था खाना! पढ़िए अनसुनी दास्तांकारागार मंत्री को लगी फटकारमाफिया मुख्तार को आगरा से लखनऊ जेल ट्रांसफर किए जाने के पर सीएम अखिलेश ने बलवंत सिंह रामूवालिया को फटकार लगाई। उन्होंने कहा की मेरी बिना इजाजत और जानकारी के अंसारी को लखनऊ के जेल में क्यूँ ट्रांसफर किया?विपक्ष को मिला माफिया का मुद्दाकैराना में अपराधियों की दहशत से पलायन, मथुरा में कब्जा, दो पुलिस अधिकारियों की मौत और अब माफिया का सपा में आने के मुद्दे को विपक्षी दल चुनावी मुद्दा बना रही है। विपक्ष को लगातार मिल रहे मुद्दे से अखिलेश बेहद चिंतित हैं। सूत्रों की माने तो इस बार वह परिवार के सदस्यों की एक बात नहीं सुनेंगे। उन्होंने साफ कह दिया है की चाहे माफिया छवि वालों को पार्टी में जगह नहीं देंगे।यह भी पढ़ें-मोदी की टीम में दंगे के आरोपियों का बढ़ेगा कद! कट्टरवादियों कट्टरवादियों का बढ़ेगा दबदबा