लखनऊ

BSP के फैसले से बिगड़ेगा बीजेपी-सपा का खेल, मायावती यूं बिछा रहीं जातीय समीकरण की जाल  

UP News: BSP ने UP की 80 में से 78 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है। BSP के उम्मीदवार इस चुनाव में एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधन की परेशानी बढ़ा रहे हैं।

लखनऊMay 04, 2024 / 06:55 pm

Aman Kumar Pandey

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के दो चरणों पर मतदान हो चुका है। तीसरे चरण का मतदान 7 मई के लिए घमासान जारी है। ऐसे में उत्तर प्रदेश की सियासी लड़ाई बेहद दिलचस्प बनी हुई है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) इस बार का चुनाव अकेले लड़ रही है। ऐसे में बसपा सुप्रीमो मायावती की रणनीति ने एनडीए (NDA) हो और इंडिया गठबंधन ( India Alliance) दोनों की ही नींद उड़ा रखी है। 

बसपा के फैसले से त्रिकोणीय बना मुकाबला 

BSP सुप्रीमो मायावती एक-एक लोकसभा सीट पर सियासी और जातीय समीकरण के हिसाब से ऐसे उम्मीदवारों पर दांव लगा रही है जो बसपा को मजबूत स्थिति में ले जाने का दम रखता हो। यूपी की कई लोकसभा सीटों पर बसपा के कैंडिडेट एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधनों के लिए मुश्किल खड़ी करते दिख रहे हैं। इसकी वजह से कई संसदीय सीटों पर लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है। 
यह भी पढ़ें

POCSO Case: बलात्कार का आरोपी पीड़िता से करेगा शादी, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत, जानें क्या है पूरा मामला ?

मायावती की रणनीति ने बढ़ाई बीजेपी सपा की मुश्किलें

बसपा प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से अब 78 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दी हैं। इनमें से ज्यादातर सीटों पर मायावती ब्राह्मण और मुस्लिम कार्ड खेलते नजर आईं हैं। अगर बसपा प्रत्याशियों की लिस्ट पर नजर डाले तो BSP ने 78 सीटों में से अब तक 23 मुस्लिम और 15 ब्राह्मण उम्मीदवारों को टिकट दिया है।  

मायावती को ब्राह्मण-मुस्लिम कैंडिडेटस् पर भरोसा

मायावती इस बार के लोकसभा चुनाव में ब्राह्मण और मुस्लिम प्रत्याशियों पर अधिक भरोसा जताते हुए दिख रही है। इनके अलावा उन्होंने 8 क्षत्रिय और चार यादव समाज से आने वाले उम्मीदवारों को भी चुनावी मैदान में उतारा है। इसके साथ ही BSP ने 4 महिलाओं को भी टिकट दिया है। 
यह भी पढ़ें

Azamgarh News: BSP ने तीसरी बार बदला हाथी का महावत, मायावती ने आजमगढ़ को बनाया चुनावी प्रयोगशाला

मायावती बिछा रही 2007 वाली जाल

BSP प्रमुख मायावती का हमेशा से ब्राह्मण-मुस्लिम कार्ड पर जोर रहा है। मायावती की इस चाल को सोशल इंजीनियरिंग के तौर पर देखा जा रहा है। मायावती इस समीकरण के सहारे 2007 में पूर्ण बहुमत से उत्तर प्रदेश में सरकार बना चुकी है। वह अब एक बार फिर इसी फॉर्मूले को अपनाती हुई दिख रहे हैं। इसमें दलित, मुस्लिम के साथ ब्राह्मण समाज को जोड़ने की कवायद देखी जा सकती है। 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह काफी अहम रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। 
यह भी पढ़ें

Aaj Ka Mausam: UP में 4 मई से करवट लेगा मौसम, IMD ने 20 जिलों में बारिश होने की संभावना जताई

Hindi News / Lucknow / BSP के फैसले से बिगड़ेगा बीजेपी-सपा का खेल, मायावती यूं बिछा रहीं जातीय समीकरण की जाल  

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.