रिलायंस कंपनी में वरिष्ठ पद से रिटायर हुए 69 वर्षीय बुजुर्ग जीएमएस रोड पर इंजीनियर्स एंक्लेव में रहते हैं। उनके पास ब्रिटिश कॉल के सिक्कों का काफी कलेक्शन है। पिछले साल मार्च में उन्होंने सोशल मीडिया पर पुराने सिक्कों का कलेक्शन बेचने का एक लिंक देखा। वहां अपने सिक्कों को बेचने के लिए ऑनलाइन फार्म भर दिया। इसके बाद एक व्यक्ति ने पीड़ित को फोन किया। सिक्के खरीदने के लिए 1.12 करोड़ रुपये में डील की।
पंजीकरण, जीएसटी और आयकर के नाम पर वसूले रुपये
इसके बाद सिक्के बेचने के पंजीकरण, जीएसटी, आयकर, वेल्यू टैक्स, इंटर स्टेट टैक्स और आरटीजीएस के नाम पर पीड़ित से रकम जमा करानी शुरू कर दी है। पहले 1.58 करोड़ रुपये जमा कराए। बुजुर्ग से 1.12 करोड़ रुपये में सिक्के खरीदने का झांसा देकर आरोपी गैंग ने उल्टा उनसे 2.25 करोड़ ठग लिए। गैंग के कुल आठ लोगों ने पीड़ित से संपर्क किया। डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा ने बताया कि अज्ञात ठगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जमा पूंजी गंवाई, दोस्तों से उधार लिए 58 लाख
साइबर ठगों के झांसे में आए बुजुर्ग ने अपनी जिंदगी भर की जमा पूंजी तो गंवाई ही दोस्तों का लाखों रुपये का उधार मोल ले लिया। जानकारी के मुताबिक सिक्के बेचने के झांसे में जमा की गई रकम में बुजुर्ग ने 58 लाख रुपये अपने परिचितों से उधार लिए। अब इन्हें वापस चुकाने का भी संकट खड़ा हो गया है।