मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की बची 29 सीटों के लिए 6 मार्च को भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होने वाली है। इसमें उन सीटों का भी एलान किया जाएगा जो NDA के सहयोगी दलों की दी जाएगी। इस दौरान यह कयास लगाया जा रहा है कि भाजपा यूपी में सहयोगी पार्टियों को 5 सीटें दे सकती हैं। वहीं, मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, मुरादाबाद समेत पश्चिम उत्तर प्रदेश की छह होल्ड सीटों से भाजपा नेताओं की धड़कनें बढ़ा दी हैं। कहा जा रहा है कि इन सीटों पर टिकट होल्ड करने के पीछे भाजपा की कोई बड़ी रणनीति है।
भाजपा ने ऐसी सीटों पर कोई उम्मीदवार नहीं घोषित किया है, जिन्हें विवादों वाली सीट का नाम दिया गया है। इन सीटों में सुलतानपुर, पीलीभीत और कैसरगंज सीटें शामिल हैं, जहां क्रमश: सीटिंग सांसद मेनका गांधी (Menka Gandhi), वरुण गांधी (Varun Gandhi) और बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) हैं। इसके साथ ही, बदायूं से भी प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने यहां से शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को मैदान में उतारा है। ऐसे में इन बातों की चर्चा तेज हो गई है कि भाजपा स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की बेटी संघमित्रा मौर्य को टिकट काट सकती है।
भारतीय जनता पार्टी ने पहली उम्मीदवार लिस्ट में उन सीटों पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारे जो VIP सीटों में आता है। इन सीटों में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की रायबरेली सीट के साथ-साथ फिरोजाबाद, मैनपुरी, गाजीपुर, बदायूं, बरेली शामिल हैं।
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भाजपा ने हाल ही में यूपी की 51 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं। इनमें से चार सीटों पर भाजपा ने नए चेहरे भी उतारे हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और गृह राज्यमंत्री रह चुके कृपा शंकर सिंह इस बार जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। श्रावस्ती से साकेत मिश्र, अंबेडकरनगर से रितेश पांडे और नगीना लोकसभा सीट से ओम कुमार को टिकट दिया गया है।