लखनऊ. शुक्रवार को देशभर के व्यापारिक संगठन सहित परिवहन संगठन द्वारा पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के खिलाफ किए गए भारत बंद का उत्तर प्रदेश में मिला जुला असर देखने को मिला। यह बंद सुबह 6 बजे से शुरू होकर रात 8 बजे तक रहेगा। कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने जीएसटी नियमों की समीक्षा की मांग करते हुए यह बंद बुलाया है। ई-वे बिल और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर भी उनका विरोध भारत बंद के रूप में देखने को मिला। राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य जिलों में भारत बंद के ऐलान के बावजूद सभी प्रमुख बाजार शुक्रवार को खुले रहे। हालांकि, डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के विरोध में ट्रांसपोर्टरों ने ट्रांसपोर्टनगर और आईआईएम स्थित स्थानों पर ट्रकों में लोडिंग-अनलोडिंग नहीं की। इस कारण ट्रांसपोर्टनगर में शुक्रवार को ट्रकों का संचालन नहीं हुआ। एक दिवसीय बंदी का समर्थन करते हुए माल की बुकिंग भी नहीं की गई।
ट्रांसपोटर्स एसोसिएशन में दो फाड़ भारत बंद को लेकर ट्रांसपोटर्स एसोसिएशन में दो फाड़ देखने को मिला। एक तरफ व्यापारियों व कुछ संस्थाओं ने भारत बंद का समर्थन किया, तो दूसरी ओर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस कोर कमेटी के चेयरमैन मलकीत सिंह ने कहा कि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस बंद का समर्थन नहीं करती है। उन्होंने कहा कि यह बंद सिर्फ कागजों में है जमीनी स्तर पर नहीं। देश में डीजल-पेट्रोल की बढ़ी कीमतों से ट्रांसपोर्टर नाराज हैं। इसलिए ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने शुक्रवार को देश में 400 से अधिक ट्रांसपोर्टर संचालन ठप करने का ऐलान किया है। वहीं लखनऊ गुड्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महामंत्री पंकज शुक्ला के मुताबिक डीजल दरों में बढ़ोत्तरी वापस लेने ई-वे बिल की समय सीमा आधी करने की मांग का समर्थन करते हुए कारोबार बंद रखने का निर्णय हुआ है। ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस के प्रवक्ता जगदीश गुप्ता ने कहा कि देशव्यापी हड़ताल को लेकर सरकार को 15 दिन का नोटिस भी दिया गया है।
बाजार नहीं हुए बंद उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष बनवारी लाल कंछल ने प्रदेश में सभी बाजारों के खुल रहने की बात कही। लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल, वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्र ने अमीनाबाद, यहियागंज, चौक, रकाबगंज, सुभाषमार्ग, पांडेयगंज, इंदिरानगर, चारबाग, नाका हिंडोला आदि सभी स्थानों पर बाजार खुले रहने का दावा किया। उन्होंने कहा कि इन स्थानों पर भारत बंदी का असर नहीं रहेगा। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप बंसल ने भी बाजार खोले जाने की बात कही।
बेअसर रही बंदी लखनऊ के पड़ोसी जिले कानपुर में बंदी का असर न्यूनतम रहा। जिस जोश के साथ भारत बंद को आंदोलन में तब्दील करने की शुरुआत की गई थी, दोपहर होते-होते सह धुंआ हो गया। कानपुर के अलावा फर्रुखाबाद, इटावा, उन्नाव, अमेठी, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, औरैया, हमीरपुर, महोबा में भी सभी जगह बाजार खुले रहे।
ट्रांसपोटर्स ने की थी काम ठप करने की अपील देश के करीब 8 करोड़ छोटे दुकानदारों के संगठन कॉन्फडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और ट्रांसपोटर्स के संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोटर्स वेल्फेयर एसोसिएशन ने शुक्रवार 26 फरवरी को भारत बंद का ऐलान किया था। ट्रांसपोटर्स पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और ई-वे बिल में आने वाली समस्याओं को लेकर परेशान हैं। इसलिए कॉन्फडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स और ऑल इंडिया ट्रांसपोटर्स वेल्फेयर एसोसिएशन ने भारत बंद आह्वान किया। राज्य के कई व्यापारी संगठनों ने भी भारत बंद का समर्थन किया। ट्रांसपोटर्स का कहना है कि ईंधन पर टैक्स घटाकर इनके बढ़ते दामों पर अंकुश लागाई जाए। उन्होंने मांग की है कि देशभर में इसकी एक समान कीमत होनी चाहिए। उधर, कॉन्फडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मांग की कि जीएसटी नियमों में संशोधन कर टैक्स स्लैब को सरल बनाया जाए। कैट ने जीएसटी के कई प्रावधानों को मनमाना बताते हुए खत्म करने की मांग की।