दलितों को बाबा साहेब के पदचिह्नों पर चलने की ही सलाह
मायावती ने आगे कहा, “ऐसे अपमानित हो रहे दलित नेताओं को अपने मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर से प्रेरणा लेकर इन्हें खुद ही ऐसी पार्टियों से अलग हो जाना चाहिए तथा अपने समाज को फिर ऐसी पार्टियों से दूर रखने के लिए उन्हें आगे भी आना चाहिए।
क्योंकि परम पूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने देश के कमजोर वर्गों के आत्मसम्मान व स्वाभिमान की वजह से अपने केंद्रीय कानून मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था। जिनसे प्रेरित होकर फिर मैंने भी जिला सहारनपुर के दलित उत्पीड़न के मामले में इसकी हुई उपेक्षा तथा ना बोलने देने की स्थिति में, फिर मैंने इनके सम्मान व स्वाभिमान में अपने राज्यसभा सांसद से इस्तीफा भी दे दिया था। ऐसे में दलितों को बाबा साहेब के पदचिह्नों पर चलने की ही सलाह है।”
‘आरक्षण विरोधी पार्टियों से रहें सचेत’
मायावती ने कहा कि इसके अलावा, कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियां शुरू से ही इनके आरक्षण के भी विरूद्ध रही हैं।
राहुल गांधी ने तो विदेश में जाकर इसको खत्म करने का ही ऐलान कर दिया है। ऐसी संविधान, आरक्षण व एससी, एसटी, ओबीसी विरोधी पार्टियों से ये लोग जरूर सचेत रहें।