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उत्तराखंड में बारिश का कहर, बद्रीनाथ हाईवे बंद, नंदप्रयाग पर भारी संख्या में जमा पत्थर और मलबा

बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग जगह- जगह बाधित होने से चार धाम की यात्रा में आए श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

लखनऊAug 28, 2024 / 06:43 pm

Anand Shukla

Badrinath Highway Closed: पहाड़ों पर हो रहे भूस्खलन की वजह से उत्तराखंड के बद्रीनाथ हाईवे पर बार- बार यातायात व्यवस्था बाधित हो रही है। नंदप्रयाग के पास मलबा और पत्थर आने से मार्ग को आवाजाही के लिए रोकना पड़ा है। मंगलवार को कुछ घंटे के लिए इस मार्ग को खोला गया। लेकिन, पत्थर और मलबा गिरने से यातायात आवाजाही को रोक दिया गया है।
मार्ग बंद होने से तीर्थ यात्री से लेकर स्थानीय लोगों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं, प्रशासन के द्वारा यातायात आवाजाही के लिए रूट डायवर्ट कर दिया गया है। रूट डायवर्ट होने से सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई है। इतना ही नहीं बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग जगह-जगह बाधित होने से चार धाम की यात्रा में आए श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

नंदप्रयाग से सैकोट और कोठियालसैंण की ओर किया गया है रूट डायवर्ट

मिली जानकारी के अनुसार यहां नंदप्रयाग से सैकोट और कोठियालसैंण की ओर रूट डायवर्ट किया गया है। हालांकि, इस रास्ते पर लग रहे जाम के चलते यात्रियों को वाहन निकालने में काफी परेशानी हो रही है। एक से दो किलोमीटर का रास्ता पार करने में लोगों को कई- कई घंटे लग रहे हैं।

बारिश और मलबा आने से हो रही हैं सड़कें खराब

पीडब्ल्यूडी विभाग के सचिव पंकज पाण्डेय ने बुधवार सुबह इस संबंध में अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इसके बाद उन्होंने बताया कि बारिश और मलबा आने से 83 सड़कें खराब हुई थीं। जिसमें अधिकतर आज से खोल दी जाएंगी, जहां सड़कें ठीक नहीं वहां रूट डायवर्ट किया गया है। नंदप्रयाग के पास काफी दिनों से मलबा और पत्थर सड़क पर आ रहा है। वहां पर लगातार कार्य किया जा रहा है। लेकिन, कार्य अभी पूरा नहीं हो सका है।
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पिछले साल 200 से अधिक लैंडस्लाइड जोन किए गए थे चिन्हित

उन्होंने कहा कि हमने तब तक के लिए यातायात आवाजाही के लिए रूट को डायवर्ट कर दिया है। पिछले साल 200 से अधिक लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए गए थे। जिनमें 100 से अधिक पर इस साल बरसात से पहले काम शुरू कर दिया गया था। विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जल्द से जल्द जो लैंडस्लाइड जोन हैं, उन्हें चिन्हित करें और अगले साल ऐसी स्थिति ना बने उसके लिए योजना तैयार करें।

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