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एटीएस के 11 सवालों के जाल में फंसे कमलेश तिवारी के हत्यारे, किये ये बड़े खुलासे

हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में बड़ा खुलासा…

लखनऊOct 30, 2019 / 01:49 pm

नितिन श्रीवास्तव

एटीएस के 11 सवालों के जाल में फंसे कमलेश तिवारी के हत्यारे, किये ये बड़े खुलासे

लखनऊ. लखनऊ में बीते दिनों हुए हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी मर्डर केस में यूपी एटीएस की जांच जारी है। जांच में कमलेश तिवारी के हत्यारों का कबूलनामा बेहद चौंकाने वाला है। सूत्रों की अगर मानें तो यूपी एटीएस के सवालों के जवाब में आरोपियों ने अपने गुनाहों की पूरी दास्तान खोलकर रख दी है। अशफाक और मोइनुद्दीन से पूछे गए सवालों में आरोपियों ने जो जवाब जांच एजेंसियों को दिये हैं, उससे काफी हद तक कमलेश तिवारी की हत्या का मकसद सामने आ गया है।
यह है सवाल-जवाब की पूरी फेहरिस्त

पहला सवाल- यूपी एटीएस ने हत्या के दोनों आरोपियों से पूछा कि क्या उन लोगों ने ही मर्डर किया है?
जवाब- आरोपी अशफाक ने कहा कि जो मैंने वादा किया था, वो पूरा करके दिखाया।
दूसरा सवाल- कब से इस घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे?
जवाब- आरोपी अशफाक ने बताया कि 2015 के कमलेश तिवारी के बयान के बाद इस प्लान के तहत वो सूरत में ही कई लोगों से मिला। मोइनुद्दीन ने बताया कि इसी प्लान के तहत वो इससे पहले भी 2018 में लखनऊ आया था।
तीसरा सवाल- हत्या कैसे की?
जवाब- अशफाक ने बताया कि पहले पिस्टल से फायर किया, लेकिन गोली फंस गयी। फिर कमलेश तिवारी उन दोनों पर हावी होने लगा। जिसके बाद मैंने और मोइनुद्दीन दोनों ने अलग अलग चाकुओं से कमलेश तिवारी पर वार किये और जब लगा की वो मर गया तो वहां से भाग गए।
चौथा सवाल- हत्या में इस्तेमाल पिस्टल और चाकू कहां से लिये?
जवाब- पिस्टल का जुगाड़ अशफाक और रशीद के एक साथी ने करवाया था। दो पिस्टल और गोलियां करीब 50 हजार रुपये में खरीदी थीं। इसके अलावा 3200 रुपये में चाकू का एक सेट खरीदा गया था। मर्डर के बाद घर के थोड़ी दूर जाकर एक चाक़ू फेंक दिया था।
पांचवां सवाल- इतनी बेहरमी से हत्या करना कहां से सीखा?
जवाब- अशफाक ने बताया कि उसने हत्या से पहले यूट्यूब पर चाकू से गला रेतने के कई वीडियो देखे थे। हालांकि उसको आसिम ने हत्या करने का तरीका बताया था। हालांकि वह जल्दीबाजी में सब भूल गया, इसीलिए जो समझ में आया वही कर दिया।
छठा सवाल- आसिम, राशिद, फैज़ान और मोहसिन शेख से वह कहां और कब मिले?
जवाब- मोइनुद्दीन ने जवाब दिया कि संपर्क हो जाता है, जिन्होंने इस काम में हमारी मदद की उनका शुक्रिया।

सातवां सवाल- हत्या के बाद का क्या प्लान था?
जवाब- अशफाक ने बताया कि उन लोगों को रशीद ने 70 हजार रूपए देकर यह काम दिया था। काम खत्म होने के बाद उन्होंने हमें मददगारों के पास जाने को कहा। वहां से जरुरत के और पैसे मिलने की बात भी कही गयी। हमसे ये भी कहा गया कि कर्नाटक से एक फोन आएगा और तुम्हारा सरेंडर वो करवा देगा। लेकिन बरेली पहुंचते ही पता चला कि हमारे मददगारों तक पुलिस पहुंच गई है। इसी डर से कई लोगों ने हमसे बीत ही नहीं की, जिन्हें हमारी मदद करनी थी।
आठवां सवाल- हत्या के बाद कहां-कहां गए?
जवाब- मोइनुद्दीन ने कहा कि आप तो सब जानते ही हैं। काश अशफाक ने अपनी पत्नी को फोन न किया होता, तो हम पकड़े नहीं जाते बल्कि सरेंडर करते। अगर आसिम नहीं पकड़ा गया होता, तो हम लोग नेपाल में ही रहते। लेकिन आसिम के पकड़े जाने की वजह से हमारे पास कोई और रास्ता नहीं बचा था।
नौवां सवाल- बरेली में किसने मदद की?
जवाब- अशफाक ने कहा कि जिगर वाले के काम के लिए कई मददगार सामने आये। वकील साहब (नावेद) के साथी तनवीर हमें नेपाल में पूरी मदद कर रहे थे। लेकिन अचानक से उनका फोन बंद हो गया। जिसके बाद हम घबरा गए। हमें 10 हजार रूपये पलिया से भी मिले थे।
दसवां सवाल- मददगारों से कैसे बात कर रहे थे?
जवाब- दोनों ने बताया कि शादाब नाम के शख्स ने वाट्सएप्प के जरिये मैसेज करके उनसे मुलाकात की। उसको पैसे और नया सिम दिलवाया। उसी सिम से वह सभी लोगों से बात कर रहा था।
ग्यारहवां सवाल- 18 अक्टूबर को ही क्यों हत्या की?
जवाब- मोइनुद्दीन ने कहा कि किसी न किसी दिन तो मारना ही था।

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