एक ट्रिलियन की इकोनॉमी में कृषि क्षेत्र की होगी खास भूमिका
ये आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र की क्या अहमियत है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश की एक ट्रिलियन की इकोनॉमी में कृषि क्षेत्र की खास भूमिका होगी। इसके मद्देनजर कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिए योगी सरकार हर संभव कदम उठा रही है। वह बीज से लेकर बाजार तक, हर कदम पर किसानों के साथ है।जिलों में न्यूनतम और अधिकतम पैदावार की वजह तलाशने में जुटी सरकार
खेतीबाड़ी को बढ़ावा देने के लिए जरूरी बुनियादी संरचना (एक्सप्रेसवे, राष्ट्रीय राजमार्ग, देश का इकलौता जलमार्ग) तैयार है। सरकार एक ही फसल के अलग-अलग जिलों में न्यूनतम और अधिकतम पैदावार की वजह तलाशने का प्रयास कर रही है। यही नहीं जिन फसलों का उत्पादन राष्ट्रीय औसत से कम है, उसे राष्ट्रीय औसत पर लाने और जिन फसलों का उत्पादन राष्ट्रीय औसत के बराबर या अधिक है, उनका उत्पादन सर्वोत्तम करने वाले प्रदेश के स्तर तक ले जाने का प्रयास कर रही है।सरकार का बुंदेलखंड और पूर्वांचल पर फोकस
अपेक्षाकृत कम उत्पादन वाले बुंदेलखंड और पूर्वांचल को फोकस कर विश्व बैंक के सहयोग से चलाई जाने वाली यूपी एग्रीज (उत्तर प्रदेश : कृषि विकास एवं ग्रामीण उद्यमिता सुदृढ़ीकरण) योजना का यही मकसद है। योजना की अवधि 6 साल की और लागत चार हजार करोड़ रुपये है। उम्मीद है कि इससे संबंधित जिलों की उत्पादकता में करीब 30% की वृद्धि हो जाएगी। बीज पार्क योजना, हॉर्टिकल्चर के लिए ,”वन ब्लॉक वन क्राप”, दुग्ध समितियों का पुनर्गठन, मत्स्य विभाग में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी की महानिदेशक के रूप में तैनाती, खेतीबाड़ी में तकनीकी के प्रयोग पर सरकार का खास फोकस है। इस सबके प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश पांच कृषि विश्वविद्यालय, अलग-अलग विश्वविद्यालय से संबद्ध 89 कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) तो है ही, इसके अलावा हर रबी और खरीफ के सीजन के पहले न्याय पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाले “द मिलियन फार्मर्स स्कूल”, मंडल और जिले स्तर पर होने वाली गोष्ठियां और किसान मेले भी किसानों के लिए मददगार साबित हो रहे हैं।
इन जिलों में हो रहा कृषि महाविद्यालय का निर्माण
सरकार गोंडा में कृषि महाविद्यालय, कुशीनगर में कृषि विश्वविद्यालय, भदोही और गोरखपुर में पशु चिकित्सा महाविद्यालय का भी निर्माण करवा रही है। इस तरह योगी सरकार इस क्षेत्र के समग्र विकास पर फोकस कर रही है।‘उत्तर प्रदेश पर प्रकृति और परमात्मा की असीम अनुकंपा’
उत्तर प्रदेश में अब भी खेती बाड़ी की बेहतरी की बहुत संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री योगी अक्सर इस बात का जिक्र करते हुए कहते हैं कि उत्तर प्रदेश पर प्रकृति और परमात्मा की असीम अनुकंपा है। नौ तरह के कृषि जलवायु क्षेत्र (एग्रो क्लाइमेट जोन), हर तरह की फसल, बागवानी और सब्जी की खेती के लिए उपयुक्त हैं। सबसे अधिक आबादी के नाते ना श्रम की झंझट है और ना ही बाजार की चिंता। गंगा, यमुना और सरयू जैसी नदियों में वर्ष भर भरपूर जल उपलब्ध रहता है। यह भी पढ़ें