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एच एसआई की ओर से एक सर्वेक्षण से सामने लखनऊ का आया है कि शहर में शहरों के लिए 74,000 से अधिक कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण किया गया है, जिससे कुत्तों की बढ़ती आबादी में कमी आ रही है। अब लखनऊ को एक राष्ट्रीय मॉडल के तौर पर पेश करने की तैयारी है जो कि प्रशिक्षण और सीखने का केंद्र बनेगा।
लखनऊ ने 70% टीकाकरण कवरेज विश्व स्पे दिवस पर एच एसआई ने बताया कि एबीसी कार्यक्रम के पहले लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है। अब 80 प्रतिशत कुत्तों की नसबंदी करने का लक्ष्य रखा गया है। कुत्तों की आबादी का प्रभावी प्रबंधन करने की रणनीति के साथ कुत्तों का टीकाकरण करना, लोगों में रेबीज होने की संभावनाओं को रोकने के लिए सबसे अधिक लागत प्रभावी रणनीति है।
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विश्व स्पे दिवस पर, लखनऊ ने 70% टीकाकरण कवरेज प्राप्त किया, जिससे कैनाइन रेबीज के प्रभावी नियंत्रण की ऐसी प्रक्रिया पूरी किए जाने का संकेत मिला है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी रेबीज-जीरो डेथ्स बाय 2030 रिपोर्ट में समर्थित किया गया है।20,000 आवारा कुत्तों विशेष एबीसी फैसिलिटी में रखा अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद राव कहते है कि एबीसी सेंटर दूसरे कुत्तों की नसबंदी के बनेगा राष्ट्रीय मॉडल साथ रेबीज के बारे में जागरूकता और कुत्तों के व्यवहार पर कार्यशालाओं के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। एच एसआई की ओर से ‘वॉक-इन शनिवार’ का आयोजन किया जा रहा है। डॉ. राव ने लोगों से अपील की है कि अपने कुत्तों का टीकाकरण कराएं ताकि उनके जीवन को बेहतर बनाया जा सके, रेबीज नियंत्रण में सुधार हो और स्वस्थ समुदायों का निर्माण किया जा सके।
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