केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बाद यूपी में सभी विभागों की तरफ से अप्रासंगिक कानूनों की सूची सौंपी गई है, जिसके आधार पर कुल 48 कानूनों को समाप्त करने का फैसला किया गया है। इनमें सबसे अधिक 18 कानून बिजली विभाग के, सात कानून वन विभाग के, चार कानून खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के, आबकारी व पंचायती राज विभाग के तीन-तीन, परिवहन, मत्स्य, सिंचाई-जल संसाधन विभाग का एक-एक कानून शामिल है। इसके अलावा गृह विभाग, राजस्व विभाग, आवास विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, हथकरघा और वस्त्र उद्योग के भी दो-दो कानून शामिल हैं, जिन्हें खत्म किया जाएगा।
विभागों ने सौंपी थी अपनी सूची
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास विभाग के नेतृत्व में नियमों व अधिनियमों को खत्म करने या फिर इनकी प्रासंगिकता पर चर्चा की गई थी। इस बारे में विभागवार लिस्ट मांगी गई थी। पूछा गया था कि उनके विभाग में ऐसे कितने नियम और अधिनयम हैं, वर्तमान समय में जिनकी जरूरत नहीं है। हाल ही में सभी विभागों ने अपनी-अपनी सूची सौंपी थी, जिसके आधार पर 13 विभागों के 48 पुराने नियमों व अधिनियमों को खत्म करने की सिफारिश की गई। अब सरकार इन कानूनों को 31 जुलाई तक खत्म करने की तैयारी कर रही है।
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास विभाग के नेतृत्व में नियमों व अधिनियमों को खत्म करने या फिर इनकी प्रासंगिकता पर चर्चा की गई थी। इस बारे में विभागवार लिस्ट मांगी गई थी। पूछा गया था कि उनके विभाग में ऐसे कितने नियम और अधिनयम हैं, वर्तमान समय में जिनकी जरूरत नहीं है। हाल ही में सभी विभागों ने अपनी-अपनी सूची सौंपी थी, जिसके आधार पर 13 विभागों के 48 पुराने नियमों व अधिनियमों को खत्म करने की सिफारिश की गई। अब सरकार इन कानूनों को 31 जुलाई तक खत्म करने की तैयारी कर रही है।