यूपी सरकार जल्द निवेशकों को बांटेगी जमीन
दरअसल, यूपी में सरकार सिर्फ गंगा एक्सप्रेस-वे ही नहीं, बल्कि बुलंदशहर एक्सप्रेस वे, आगरा- लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाए जाने हैं। इसमें ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन, सेमीकंडक्टर, भारी इलेक्ट्रिकल और फिल्म निर्माण समेत कई इंडस्ट्री शामिल हैं। इसके लिए सरकार जल्द ही देश-विदेश के निवेशकों को जमीन बांटना शुरू करेगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जमीन बांटते समय उन इंडस्ट्री को प्राथमिकता मिलेगी जो सनराइज सेक्टर या फोकस सेक्टर के दायरे में आते हैं। सनराइज सेक्टर में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन, सर्कुलर इकोनॉमी, सेमीकंडक्टर और पावर उपकरण से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं।
जमीन के हिसाब से मिलेगा निर्माण का समय
अगर किसी कंपनी को 4000 वर्ग मीटर तक जमीन दी जा रही है, तो तीन साल के अंदर परियोजना लगानी होगी। यदि 4000 वर्ग मीटर से 20 हजार वर्ग मीटर तक जमीन जा रही है तो कंपनी के निर्माण के लिए चार साल मिलेगा। वहीं, 20 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन पर परियोजना पांच साल में लगानी होगी।
‘गंगा एक्सप्रेसवे के फेज टू विस्तार का सर्वेक्षण शुरू’
उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा, “प्रयागराज से वाराणसी, गाजीपुर होते हुए बलिया तक होगा 350 किलोमीटर लंबे 6 लेन गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार होगा। UPEIDA ने बलिया तक गंगा एक्सप्रेसवे के फेज टू विस्तार का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। रूट -प्रयागराज, मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया। मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर का फेज 1 दिसंबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।”