Tracking Hormone Headaches: नेशनल हेल्थ साइंसेज में पब्लिश्ड एक आर्टिकल के अनुसार ‘मेंस्ट्रुअल माइग्रेन’ के बढ़ने की सबसे ज्यादा संभावना पीरियड्स शुरू होने के 2 दिन पहले होती है या फिर शुरू के 3 दिनों में होती है। पीरियड्स के समय बॉडी में एस्ट्रोजेन लेवल में नेचुरल गिरावट होने के कारण ऐसा होता है। इस दौरान होने वाले माइग्रेन अटैक दूसरे माइग्रेन अटैक से कई ज्यादा सीरियस होते हैं। इसे इस तरह ट्रैक किया जा सकता है।
Maintain Diary: पीरियड्स के समय माइग्रेन नोटिस करते है तो इस बात को पुख्ता करने के लिए कम से कम 3 मेंस्ट्रुअल साइकिल के समय एक डायरी मेन्टेन करें। इससे आपको यह चेक करने में आसानी होगी कि आपका माइग्रेन आपके पीरियड साइकिल से जुड़ा हुआ है या नहीं।
Track Days: यदि आपके माइग्रेन और पीरियड्स में सम्बन्ध है तो इस डायरी से आप पता लगा पाएंगे की आपको माइग्रेन पीरियड्स के पहले या पीरियड्स के दौरान होते है। यह भी के वो माइग्रेन पैन कितने दिनों तक रहता है।
Headache Diary: माइग्रेन ट्रस्ट वेबसाइट में एक डाउनलोड करने योग्य सिरदर्द डायरी है, जो एक उपयोगी टूल हो सकती है।
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Dealing with Menstrual Migraine:
1. खाना ना खाने से, या खाना देर तक ना खाने से माइग्रेन अटैक बढ़ सकते हैं। अपनी कोई भी मील स्किप ना करें। पूरे दिन नाश्ता करें (थोड़ा- थोड़ा)।
2. रात को सोने से थोड़ी देर पहले भी कुछ हेल्दी नाश्ता खा कर सोएं।
3. छोटे-छोटे ब्रेक्स में थोड़े-थोड़े स्नैक्स खाएं। ऐसा करने से आपको ब्लड- शुगर लेवल हाई रखने में मदद मिलेगी।
4. अपनी नींद का समय और पैटर्न फिक्स करें। बहुत कम या बहुत ज्यादा सोने से बचें।
5. स्ट्रेस मैनेजमेंट टेक्निक्स अपनाएं। कई बार हार्मोन के साथ-साथ स्ट्रेस भी माइग्रेन अटैक को बढ़ावा दे सकता है। रेस्ट टेक्निक्स अपनाएं।
6. अपनी लाइफस्टाइल में पॉजिटिव चेंजेज लाएं। फिजिकल एक्टिविटी के साथ ही हल्की- फुल्की एक्सरसाइज, मेडिटेशन, ब्रीथिंग प्रैक्टिस अपनाएं।