ऐसे काम करता है स्मार्ट पॉट
संजय ने बताया कि ये स्मार्ट बायो-फिल्टर गमले पौधों की जड़ों में हवा को अवशोषित कर प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों को शुद्ध करते हैं। यह गमला पौधों की इसी क्षमता को कई गुना बढ़ा देता है। इसके बाद शुद्ध हवा को गमला वापस कमरे में छोड़ देता है। इस प्रक्रिया में करीब 20 मिनट का समय लगता है। 10 गमले मिलकर एक छोटे घर को पूरी तरह स्वच्छ हवा दे सकते हैं। एक गमला 15 मिनट में करीब 200 वर्ग फीट तक हवा को स्वच्छ बनाने के लिए काफी है।
प्लास्टिक प्रदूषण रोकेगा नारियल स्ट्रा
भारत में हर साल करीब 25 हजार टन से भी ज्यादा प्लास्टिक कचरा निकलता है लेककिन इसमें से केवल 9 फीसदी ही रिसाइकिल हो पाता है। इस परेशानी को समझते हुए बेंगलुरू के 51 वर्षीय प्रोफेसर साजी वर्गीस ने पारियल के पत्तों से स्ट्रा बनाए हैं, ताकि प्लास्टिक के उपयोग कम किया जा सके। दक्षिण भारत के अलावा भारत के अन्य हिस्सों में भी नारियल के पेड़ बहुतायत में पाए जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में इनका कई तरह से उपयोग किया जाता है। दो साल की मेहत के बाद साजी ने नारियल के इन पत्तों से सस्ते और इको फे्रंडली स्ट्रा बनाए हैं। 3 रुपए में 10 स्ट्रा की कीमत के चलते जल्द ही उन्हें ऑर्डर भी मिलने लगे। हाल ही उन्हें 10 देशों से करीब 2 करोड़ स्ट्रा बनाने का ऑर्डर भी मिला है।