यों काम करती है डिवाइस
इस डिवाइस को ऐसी जगह पर लगाया जाता है, जहां से ड्राइवर की आंखों पर डिवाइस नजर रख सके। डिवाइस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कैमरा लगा है और यह नजर रखता है कि कहीं ड्राइवर की आंखें झपकना कम तो नहीं हुईं क्योंकि सामान्य तौर पर इंसान एक मिनट में कई बार आंखें झपकाता है। ऐसा न होने पर डिवाइस में लगा स्पीकर तेज आवाज करता है और ड्राइवर को अलर्ट करता है। इस तरह हादसे को रोका जा सकता है।
चीनी मोबाइल फोन से जासूसी का शक, जांच करेगी सरकार, बनेंगे नए नियम
हम इस डिवाइस का ट्रायल प्राइवेट बसों के साथ कर चुके हैं, लेकिन इसे और बेहतर बनाने में जुटे हैं, ताकि ऐसे सड़क हादसों में कमी लाई जा सके। इसके अलावा इंटरनेशनल स्कूल्स और स्टेट ट्रांसपोर्ट के साथ मिलकर इसकी टेस्टिंग की तैयारी की जा रही है।
-प्रदीप वर्मा
जीपीएस करता है डिवाइस को ट्रैक
यह डिवाइस इंटरनेट से कनेक्ट रहती है और जीपीएस से उस गाड़ी की लोकेशन को ट्रैक किया जा सकता है। यह सब कुछ डिवाइस से जुड़ी ऐप पर देखा जा सकता है। कैमरा फुटेज को छोड़कर ऐप की मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि ड्राइवर पलकेंं तो नहीं झपका रहा है और गाड़ी की लोकेशन कहां पर है। रोहित का कहना है, यह डिवाइस ड्राइवरों के लिए बेहद काम की साबित हो सकती है।
नई तकनीक से बने किट की आड़ में दुश्मन को नहीं दिखाई देंगे सैनिक, आंखों से हो जाएंगे ओझल
ज्ञान साई: आंध्र प्रदेश में हुए एक सड़क हादसे के बाद आया खयाल
रोहित : ड्राइवरों के लिए काम की साबित होगी
प्रदीप वर्मा: प्राइवेट बसों के साथ कर चुके हैं ट्रायल
जब ATM से कैश निकले बिना ही खाते से कट जाएं पैसे, तो क्या करें?
Web URL: Technology News: This device will prevent road accidents