bell-icon-header
टेक्नोलॉजी

आइआइटी मद्रास के बनाए हाइपर लूप पॉड ने जीता एलोन मस्क का दिल

पॉड विकसित कर छात्रों ने भारतीय विज्ञान का झंडा फहराते हुए एलोन मस्क को भी इसका कायल बना लिया है

Dec 10, 2019 / 05:48 pm

Mohmad Imran

आइआइटी मद्रास के बनाए हाइपर लूप पॉड ने जीता एलोन मस्क का दिल

भारतीय युवा वैज्ञानिकों की दुनिया कायल है। अब इस सूची में अरबपति और इनोवेटर एलोन मस्क का भी नाम जुड़ गया है। दरअसल, मस्क की अति महत्त्वकांक्षी हाइपरलूप टनल प्रोजेक्ट के लिए पॉड बनाने की एक प्रतियोगिता इस साल अमरीका के लॉस एंजिलिस में ‘स्पेसएक्स हाइपरलूप पॉड प्रतियोगिता-2019’ आयोजित की गई थी। इस प्रतियोगिता में आइआइटी मद्रास के छात्रों ने भी अपने प्रोजेक्ट के साथ हिस्सा लिया था। हालांकि भारतीय छात्र यह प्रतियोगिता नहीं जीत पाए लेकिन उनके आइडिए ने एलनोन मस्क का दिल जीत लिया। स्पेसएक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलोन मस्क और वर्जिन हाइपरलूप वन के सह-संस्थापक जोश जिगेल छात्रों के इस प्रोजेक्ट से इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने भारत में एक स्वायत्त हाइपरलूप पॉड बनाने में इन छात्रों की मदद करने का भरोसा दिलाया है।
एशिया की एकमात्र टीम
गौरतलब है कि आइआइटी मद्रास के छात्रों की ‘आविष्कार’ हाइपरलूप फानल में पहुंचने वाली एशिया की एकमात्र टीम थी। सेंटर फार इनोवेशन की इस टीम को सुयश सिंह लीड कर रहे थे। वे एमटेक द्वितीय वर्ष के छात्र हैं जो भारत में पहली बार स्व-चालित, पूरी तरह से स्वायत्त हाइपरलूप पॉड बनाने के लिए एक स्वदेशी डिजाइन और विकास पर काम कर रहे हैं। प्रतियोगिता म्यूनिख तकनीक विश्वविद्यालय की टीम ने जीती लेकिन हार के बावजूद भारतीय आविष्कार हाइपरलूप टीम दिल जीतने में कायामब रही।
आइआइटी मद्रास के बनाए हाइपर लूप पॉड ने जीता एलोन मस्क का दिल
भविष्य की तकनीक विकसित कर रही टीम
आविष्कार टीम विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोगों के साथ रक्षा, रसद और एयरोस्पेस उद्योग सहित अन्य उच्च गति परिवहन के भविष्य की प्रौद्योगिकियों को विकसित करने पर काम कर रही है। टीम ने हर स्तर पर कठोर तकनीकी प्रयास किए हैं और परियोजना को पूरा करने में पेशेवर रुख अपनाया। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभागए आईआईटी मद्रास के प्रो. और आविष्कार हाइपरलूप के सलाहकार एस.आर. चक्रवर्ती का कहना है कि यह देश में भविष्य के परिवहन प्रौद्योगिकी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। टीम विश्व के विभिन्न देशों की 1600 टीमों में से चुनी जाने वाली शीर्ष 21 टीमों में शामिल थी। वर्जिन हाइपरलूप वन के सह-संस्थापक जिगेल ने टीम से मुलाकात की और कंपनी की भारत में हाइपरलूप नेटवर्क बनाने की योजना पर चर्चा की और पुणे-मुंबई हाइपरलूप परियोजना पर प्रगति साझा की। हाइपरलूप टनल बनने के बाद पुणे से मुम्बई की दूरी महज 30 मिनट में पूरी की जा सकेगी।
आइआइटी मद्रास के बनाए हाइपर लूप पॉड ने जीता एलोन मस्क का दिल
इस महीने काम शुरू होने की उम्मीद
इस महत्त्वकांक्षी परियोजना पर इस साल दिसंबर से काम शुरू होने की उम्मीद है जो साल 2023 में खत्म होगा। मस्क ने हाइपरलूप बनाने का यह आइडिया 2013 में दिया था। तब से वे हर साल इस काम को गति देने के लिए युवा वैज्ञानिकों के प्रोटोटाइप और आइडिया को जानने के मकसद से इस प्रतियोगिता का आयोजन करवाते हैं। अविष्कार टीम का बनाया पॉड 120 किलोग्राम वजनी और 3 मीटर लंबा था।

Hindi News / Technology / आइआइटी मद्रास के बनाए हाइपर लूप पॉड ने जीता एलोन मस्क का दिल

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.