-अमरीकी सेना की रिसर्च विंग (डार्पा) ने 5जी तकनीक की मदद से एक रेडियो-फ्रीक्वेंसी स्विच विकसित किया है जो आज उपयोग किए जाने वाले ईंधन की तुलना में 50 गुना अधिक ऊर्जा देता है।
-पेन्सिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने ऐसी कार बैट्री विकसित की है जो 10 मिनट चार्ज करने पर 200 से 300 मील (322 से 483 किमी) तक चलती है। 25000 बार चार्जिंग साइकल्स से 5 लाख मील की क्षमता तक पहुंचाने का लक्ष्य है। लीथियम-आयन बैट्री की तुलना में यह 10 मिनट के चार्ज में 80 फीसदी तक चार्ज हो सकती है वह भी बिना बैट्री को नुकसान पहुंचाए।
-लीथियम-आयन बैट्री बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी चीन की सीएटीएल ने भी ऐसी बैट्री बनाई है जो आज इस्तेमाल होने वाली बैट्री (अधिकतम उम्र 8 साल या 2 लाख 40 हजार किमी) की तुलना में 16 साल तक यानी करीब 20 लाख किमी (अधिकतम 1.24 मिलियन मील) तक चलेंगी। इतने लंबे समय के दौरान इन बैट्री को दोबारा या अन्य वाहन में भी उपयोग किया जा सकेगा। इससे इलेक्ट्रिक कारों की लागत भी कम होगी
-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया स्थित मैकेन्ज़ी एंड कंपनी बैट्री की बजाय चार्जिँग मशीन को ही और असरदार बना रही है। कंपनी की बनाई अत्याधुनिक चार्जर मशीनों से इलेक्ट्रिक कार को एक मिनट में इतना चार्ज किया जा सकता है कि वे 32 किमी तक का सफर तय कर सकती हैं।
-एक अन्य ऑस्ट्रेलियाई कंपनी ट्रिटिअम के बनाए कार बैट्री चार्जर पांच मिनट में 120 किमी से ज्यादा की दूरी तय करने लायक बैट्री को चार्ज करने में सक्षम हैं।
आंकड़ों पर एक नजर
-2 करोड़ से ज्यादा सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन की जरुरत होगी 2030 तक अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार
-ब्लूमबर्ग के अनुसार साल 2040 तक सभी नई कारों की बिक्री में आधी से ज्यादा कारें इलेक्ट्रिक होंगी।
-28 अरब डॉलर तक होने का अनुमान है इलेक्ट्रिक कार चार्जर का बाजार 2027 तक
-10 साल का समय लगेगा अभी कार बैट्री के लिए अल्ट्रा चार्जर आने में
-ब्लूमबर्ग एनईएफ को उम्मीद है कि 2025 में खरीदे गए 10 वाहनों में से एक बैटरी से चलने वाला होगा और 2040 तक दुनिया को बुनियादी ढांचे पर खर्च किए जाने वाले कुछ 12 मिलियन सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट्स और लगभग 400 बिलियन डॉलर की आवश्यकता होगी।
-यूरोपीय संघ ने हाल ही में 2025 तक 1 मिलियन सार्वजनिक चार्जर्स के लक्ष्य की घोषणा की।
-ग्लोबल इलेक्ट्रिक व्हीकल आउटलुक 2020 के अनुसार दुनिया भर में इस साल 21 लाख तक पहुंच गई
-चीन दुनिया का सबसे बड़ा ईवी बाजार है। इस साल अकेले चीन में 23 लाख इलेक्ट्रिक वाहन सड़कों पर थे