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पांच दशकों तक चला है राहुल का हुकुम
बजाज ऑटो के बयान के अनुसार राहुल बजाज साल 1972 से ही नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन पद रहे और ग्रुप के साथ बीते 50 सालों से जुड़े हुए रहे हैं। उन्होंने अपनी उम्र को देखते हुए तत्काल प्रभाव से 30 अप्रैल, 2021 की प्रभावी तिथि से नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया है। बजाज ऑटो को नई बुलंदियों तक ले जाने में राहुल बजाज की अहम भूमिका रही है। उनके नेतृत्व में कंपनी ने कई आयाम और ऑटो सेक्टर में कई ट्रेंड सेट किए हैं। दुपहिया वाहनों में स्टूकर को बजाज का ही पर्याय माना जाता रहा है। जब स्कूटर का ट्रेंड कम हुआ तो बाइक लाने में भी कोई देरी नहीं लगाई।
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राहुल बजाज का नेटवर्थ
राहुल बजाज अब कंपनी में कंसलटेंट की भूमिका में रहेंगे। उनके अनुभवों का लाभ कंपनी को मिलेगा। कंपनी के बोर्ड ने इस निर्णय पर मुहर लगा दी है और इस पर सालाना महासभा में शेयरधारकों से भी मंजूरी ली जाएगी। आपको बता दें कि बजाज समूह करीब 95 साल पुराना है और खुद राहुल बजाज 82 साल के हो चुके हैं। वह बजाज समूह के प्रमुख हैं. उनका नेटवर्थ करीब 6.5 अरब डॉलर यानी करीब 48 हजार करोड़ रुपए है।