दो बाघों की पुष्टि:
पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि जंगल में केवल एक बाघ है, लेकिन गहन जांच के बाद दो बाघों की तस्वीरें सामने आईं। चार किलोमीटर की दूरी पर लगे कैमरों में नर और मादा बाघ अलग-अलग नजर आए हैं। वन विभाग का मानना है कि यहां दो और बाघ हो सकते हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
इस घटना के बाद वन विभाग ने जंगल में किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी है। वनकर्मी भी बिना अधिकारियों की अनुमति के जंगल में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। साथ ही, पन्ना और सागर के डीएफओ को पत्र लिखकर बाघों के बारे में जानकारी दी गई है। उप प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी सतेंद्र सिंह को बाघों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। पूरे मड़ावरा वन क्षेत्र पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है।
20 साल बाद फिर से दस्तक
गौरतलब है कि 20 साल पहले भी वन अधिकारियों ने मड़ावरा के जंगल में बाघ देखा था। लेकिन उस समय इस विषय में कोई पहल नहीं की गई थी।
आगे की योजना
प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी गौतम सिंह का कहना है कि गर्मी के मौसम में पानी की तलाश में बाघ जनपद की ओर आ सकते हैं। इसलिए, बरसात के दौरान भी उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। यदि बाघों की मौजूदगी बनी रहती है, तो टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट के लिए सरकार से पहल की जाएगी।
शेर की भी संभावना
वन विभाग के अधिकारियों ने बाघों के साथ ही जंगल में शेर होने की भी संभावना जताई है। उनका कहना है कि मड़ावरा और गौना जंगलों में पहाड़ों पर कई खाई बनी हुई हैं, जो शेरों के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करती हैं। जंगल में 20 और कैमरे लगाए जाएंगे ताकि वन्यजीवों की गतिविधियों पर बेहतर नजर रखी जा सके।