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लखीमपुर खेरी

बेटे के पैर छुने पर फफक पड़ी मां, 81 दिन बाद घर पहुंचा मंजीत, गांव वालों ने मनाया उत्सव

बेटे के स्वागत में सजी-संवरी मां चौधराइन भी खुद को काबू न कर सकीं और फफककर रो पड़ीं। इसके बाद मंजीत ने सबसे पहले मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। वहीं, मां ने भी सबसे पहले हल्दी-चंदन का तिलक किया।

लखीमपुर खेरीDec 01, 2023 / 09:54 pm

Aman Pandey

10 सितंबर को उत्तरकाशी गया भैरमपुर गांव का मंजीत 81 दिन बाद शुक्रवार को घर लौट आया। घर पहुंचते ही मंजीत ने मां का आशीर्वाद लिया। 18 दिन से आंसुओं में डूबी रही मां चौधराइन ने मंगलगान के साथ मंजीत के माथे पर तिलक और आरती उतारकर स्वागत किया। इससे पहले दोपहर को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी के हाथों सम्मानित होने के बाद दोनों का कलक्ट्रेट में भी भव्य स्वागत हुआ।
17 दिन सुरंग में फंसे रहने के बाद शनिवार शाम छह बजे मंजीत अपने गांव भैरमपुर पहुंचा। बेटे को देखकर मां खुद को काबू न कर सकीं और फफककर रो पड़ीं। मंजीत ने सबसे पहले मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद मां ने हल्दी-चंदन का तिलक किया। बाद में आरती उतारी और फिर फूल माला पहनाकर स्वागत किया। मंजीत की मां ने कहा कि मां की ममता का कोई मोल नहीं है। डेढ़ साल पहले बड़े बेटे दीपू की मौत के बाद अब मंजीत ही उसका सहारा है। इस दौरान तमाम परिजन, रिश्तेदार व ग्रामीणों से मंजीत का घर गुलजार रहा
मंजीत के गांव में उत्सव सा माहौल
मंजीत के आने की खबर सुनकर गांव वालों ने स्वागत की पूरी तैयारी कर रखी थी। एक दिन पहले तक जहां घर वालों के पास मिठाई खरीदने तक की व्यवस्था नहीं थी। वहीं, अगले दिन ही गांव और अन्य घर वालों के सहयोग से उत्सव सा माहौल नजर आया। मंजीत की मां और दोनों बहनों ने पूरे घर को सजाया, दीये जलाए और दिवाली मनाई।
यूपी के थे आठ मजदूर
बता दें कि उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में सुरंग से निकाले जाने के बाद मंजीत समेत समेत सभी 41 मजदूरों की स्वास्थ्य जांच के बाद बृहस्पतिवार को निजी बस से लखनऊ भेजा गया था। इन 41 मजदूरों में आठ मजदूर उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों के थे, जिनमें खीरी के मंजीत भी शामिल थे।

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