20 अक्टूबर से 14 नवंबर तक मिलने पहुंचे यह लोग बेंगलुरु के एक्टिविस्ट टी. नरसिम्हा मूर्ति ने आरटीआई से इस बात की जानकारी मांगी थी कि आशीष मिश्रा से मिलने कौन-कौन आता है। 17 नवंबर को आरटीआई को इस बात का जवाब दिया गया। इसके मुताबिक, 20 अक्टूबर को आशीष मिश्रा से उनके भाई अभिमन्यु और उनके रिश्तेदार संदीप मिलने आए थे। 29 अक्टूबर को अभिमन्यु फिर से मिलने आए और इस बार उनके साथ एक और रिश्तेदार अभिनव थे। 30 अक्टूबर को उनके पिता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा उनसे मिलने पहुंचे।
इसके बाद तीन नवंबर को उनके भाई अभिमन्यू और रिश्तेदार अंचल मिलने पहुंचे। सात नवंबर को अंचल एक बार फिर अश्विनी के साथ फिर से आशीष मिश्रा से मिलने पहुंचे। 14 नवंबर को उनके भतीजे सरवन शुक्ला और मनोज शुक्ला उनसे मिलने गए।
हफ्ते में दो बार मिलते हैं रिश्तेदार लखीमपुर खीरी जिला जेल के सुपरीटेंडेंट वीपी सिंह ने कहा कि जेल में बंद कैदियों से उनके रिश्तेदार रोजाना मिलने आ सकते हैं। कोरोना के कारण इस नियम में परिवर्तन किया गया है। अब कैदियों से उनके रिश्तेदार हफ्ते में दो बार मिल सकते हैं। इसके लिए उन्हें कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होती है।
क्या है लखीमपुर खीरी घटना तीन अक्टूूबर, 2021 को किसानों ने लखीमपुर खीरी कूच किया था। वह अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे थे। खीरी जिले के तिकुनिया में इसी दिन हिंसा भड़क गई थी। किसानों पर गाड़ी चढ़ाई गई थी। इस हिंसा में चार किसानों समेत आठ की मौत हो गई थी। किसानों को कुचलने के आरोप केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर लगे, जिसके चलते आशीष को गिरफ्तार किया गया और अभी वो जेल में है।
हिंसा में दलजीत सिंह (32), गुरविंदर सिंह (20), लवप्रीत सिंह (30) और नक्षत्र सिंह (65) की मौत हो गई थी. साथ ही तीन बीजेपी कार्यकर्ता हरिओम (35), श्याम सुंदर (40) और शुभम मिश्रा (30) और एक स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप (28) की भी मौत हो गई थी।