नेपाल बार्डर के वाल्मीकि बैराज से गण्डक नदी में 5 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज शनिवार को हुआ। जिसको देखते हुए जिला और तहसील प्रशासन हाई अलर्ट पर है। वहीं वाल्मीकिनगर बैराज से छोड़े जाने के कारण नदी का जल स्तर अचानक बढ़ने लगा है। जिससे नदी के आसपास बाढ़ का खतरा बढ़ गया। इस सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी तमकुहीराज विकास चंद्र ने आम लोगों को बचाव के लिए जागरूक किया। वीडियो जारी करते हुए एडीएम ने सावधानी बरतने की अपील भी की।
कुशीनगर में जिला प्रशासन ने बाढ़ को देखते हुए सहायता के लिए आपदा राहत कण्ट्रोल रूम बनाया है। इसका हेल्पलाइन भी जारी किया। जिला प्रसासन ने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि जनपद कुशीनगर में गण्डक नदी में 5 लाख क्यूसेक पानी नेपाल के वाल्मीकिनगर बैराज से छोड़े जाने के कारण नदी का जल स्तर अचानक बढ़ने वाला है। इसके सम्बन्ध में जिला प्रशासन द्वारा सम्पूर्ण तैयारी, राहत व बचाव हेतु उपाय किए गए हैं।
अपर जिलाधिकारी (वि/रा) कुशीनगर व अपर पुलिस अधीक्षक कुशीनगर द्वारा बाढ़ प्रभावित ग्रामों शिवपुर, बसन्तपुर, मरचहवा, हरिहरपुर, नरायनपुर में राहत चौपाल का आयोजन किया गया। यह बड़ी गण्डक नदी के किनारे आवासित समस्त ग्रामवासियों से जिलाधिकारी द्वारा अपील की।
वाल्मीकिनगर गंडक बैराज से शनिवार की सुबह से लेकर देर शाम तक किए गए डिस्चार्ज के कारण बड़ी गंडक नदी उफना गई है। शनिवार की शाम एक दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। वहीं, बैराज की ओर से पांच लाख क्यूसेक से अधिक पानी नदी में डिस्चार्ज किए जाने की चेतावनी के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर है। एडीएम वैभव मिश्रा ने सहायता के लिए आपदा कंट्रोल रुम का नंबर जारी किया है। प्रभावित व्यक्ति कंट्रोल रूम के नंबर-05564-240590 और मोबाइल 9454416282 तथा टोल फ्री नम्बर-1077 पर कर मदद मांग सकते हैं।
शनिवार की शाम जलस्तर बढ़ने के बाद नदी के अलावा रोहुआ नाला भी उफना गया है। इससे कुशीनगर व महराजगंज के एक दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। कुशीनगर के शिवपुरी, हरिहरपुर, मरिचहवा, नारायणपुर आदि गांवों में बाढ़ का पानी घुसने के बाद लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे है। वहीं, एडीएम की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि बड़ी गंडक नदी में शनिवार की पांच लाख क्यूसेक से अधिक पानी नेपाल के वाल्मीकिनगर गंडक बैराज से छोड़े जाने के कारण नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने वाला है। इसको लेकर जिला प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। राहत व बचाव के लिए उपाय किए गए हैं।
एडीएम व एएसपी की ओर से बाढ़ प्रभावित गांव शिवपुर, बसंतपुर, मरचहवा, हरिहरपुर, नरायनपुर में राहत चौपाल का आयोजन किया गया। इसमें एडीएम ने कहा कि जर्जर व बाढग्रस्त क्षेत्र के कच्चे मकान में रात्रि विश्राम न करें। बिजली के खम्भों से दूर रहे। बिजली के उपकरणों का प्रयोग न करें। अपने जानवरों एवं उपयोगी सामान को लेकर ऊंचे स्थानों पर शरण पर लें। सांप, बिच्छू आदि से सतर्क रहे। बाढ़ आने पर किसी ऊंचे स्थान बंधा या बाढ़ शरणालय में जाय और ड्यूटी पर लगे बाढ़ राहत अधिकारियों-कर्मचारियों के निर्देशों का पालन करें। उन्होंने आपदा की स्थिति में कंट्रोल रूम के जारी नंबर पर संपर्क करें।