मानसून की बारिश के कहर से अब हाड़ौती अंचल में बाढ़ के हालात बन गए हैं। पिछले चार-पांच दिनों से हो रही लगातार बारिश से कई गांव टापू बन गए हैं। चम्बल व उसकी सहायक नदियां भी उफान पर हैं। कोटा सिटी में तालाब गांव व बरड़ा बस्ती सहित कई कॉलोनियां जलमग्न हैं। तलवंडी, बोरखेड़ा व नयापुरा की कई कालोनियों के घरों में पानी भर गया है। झालावाड़ में भीमसागर बांध और उजाड़ नदी में आवक तेज हो गई है। शाहाबाद कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र में भारी बारिश के चलते लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। हाड़ौती और मध्यप्रदेश में भारी बारिश का दौर लगातार जारी है। इस करण चम्बल के बांधों में पानी आवक बढ़ती जा रही है।
रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट की चिन्ता बढ़ी, अफसरों की नींद उड़ी–
इधर कोटा में चम्बल नदी पर बन रहे रिवरफ्रंट को लेकर नगर विकास न्यास के अफसरों की चिंता बढ़ गई है। प्रशासन ने एतियात के तौर पर सोमवार को ही कोटा बैराज के गेट खोल दिए, मंगलवार रात को पांच गेट खोल दिए। ताकि एक साथ ज्यादा पानी छोडऩा नहीं पड़े। यदि भारी बारिश दौर इस तरह जारी रहा तो कोटा बैराज में भी पानी की आवक बढ़ेगी। चम्बल नदी पर बने बांध गांधी सागर, राणाप्रताप सागर, जवाहर सागर में पानी की ज्यादा आवक होने तथा ऊपर के बांधों के गेट खोलने पर कोटा बैराज पर पानी का दबाव अधिक बढ़ सकता है और अधिक गेट भी खोलने पड़ सकते हैं। ऐसी स्थिति में चम्बल नदी की डाउन स्ट्रीम में पानी की गति तेज होगी और नदी का उफान भी बढ़ेगा। इससे रिवरफ्रंट का कार्य भी चपेट में आ सकता है। नगर विकास न्यास के अफसरों को यह चिंता सताए जा रही है कि साल 2019 की तरह चम्बल में अथाह जल आ गया तो रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट के कार्यों का क्या होगा। जैसे-जैसे चम्बल में पानी बढ़ रहा है, न्यास के अफसरों की नींद उड़ गई है। न्यास के अफसर व कर्मचारी रात को जाग कर चम्बल के पानी पर नजर बनाए हुए हैं।
इधर कोटा में चम्बल नदी पर बन रहे रिवरफ्रंट को लेकर नगर विकास न्यास के अफसरों की चिंता बढ़ गई है। प्रशासन ने एतियात के तौर पर सोमवार को ही कोटा बैराज के गेट खोल दिए, मंगलवार रात को पांच गेट खोल दिए। ताकि एक साथ ज्यादा पानी छोडऩा नहीं पड़े। यदि भारी बारिश दौर इस तरह जारी रहा तो कोटा बैराज में भी पानी की आवक बढ़ेगी। चम्बल नदी पर बने बांध गांधी सागर, राणाप्रताप सागर, जवाहर सागर में पानी की ज्यादा आवक होने तथा ऊपर के बांधों के गेट खोलने पर कोटा बैराज पर पानी का दबाव अधिक बढ़ सकता है और अधिक गेट भी खोलने पड़ सकते हैं। ऐसी स्थिति में चम्बल नदी की डाउन स्ट्रीम में पानी की गति तेज होगी और नदी का उफान भी बढ़ेगा। इससे रिवरफ्रंट का कार्य भी चपेट में आ सकता है। नगर विकास न्यास के अफसरों को यह चिंता सताए जा रही है कि साल 2019 की तरह चम्बल में अथाह जल आ गया तो रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट के कार्यों का क्या होगा। जैसे-जैसे चम्बल में पानी बढ़ रहा है, न्यास के अफसरों की नींद उड़ गई है। न्यास के अफसर व कर्मचारी रात को जाग कर चम्बल के पानी पर नजर बनाए हुए हैं।