कोटा

Mission Raftar: नए साल में इस मार्ग पर 160 किमी की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें, कवच सुरक्षा समेत अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा ट्रैक

kota News: प्रोजेक्ट का कार्य पहले 2664.14 करोड़ रुपए से किया जाना था, लेकिन प्रोजेक्ट के अंत में निर्माण लागत में इजाफा होने पर रेलवे की ओर से प्रोजेक्ट के लिए 226.25 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि दी गई।

कोटाDec 14, 2024 / 08:44 am

Akshita Deora

Railway Newsupdate: पश्चिम मध्य रेलवे के ‘मिशन रफ्तार’ प्रोजेक्ट के तहत नागदा से मथुरा तक रेलवे ट्रैक के दोनों ओर चारदीवारी, ट्रैक के ब्रिजों, ट्रैक पर कवच सिस्टम के इंस्टॉलेशन से लेकर कवच टावर लगाने का काम पूरा हो गया है। नए साल में मार्च माह तक नागदा-मथुरा मार्ग का काम पूरा कर ट्रैक की टेस्टिंग शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद 160 किमी की रफ्तार से ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। इससे इस ट्रैक पर अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा।
कोटा रेल मंडल के अधिकारियों ने बताया कि नागदा से मथुरा रेलवे मार्ग अति व्यक्त रेलमार्ग है। यह तीन राज्यों के महत्वपूर्ण शहरों को आपस में जोड़ता है। ऐसे में इस पर काफी व्यस्तता रहती है। इससे मार्ग पर इन ट्रेनों के संचालन और छोटे स्टेशनों पर ट्रेनों के ठहराव, मार्ग पर लोकल ट्रेनों के संचालन में काफी परेशानी होती है। इसके अलावा आदर्श स्थितियां होने के कारण इस मार्ग पर रेलवे की ओर से विभिन्न नई ट्रेनों का ट्रायल भी किया जाता है। इन सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए इस मार्ग का चयन मिशन रफ्तार प्रोजेक्ट के लिए किया गया।
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तेजी से तीन टुकड़ों में किया कार्य

मिशन रफ्तार के तहत नागदा से मथुरा तक 545 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर काम किया जाना था। ऐसे में गति शक्ति यूनिट प्रोजेक्ट को तीन अलग-अलग टुकड़ों में बांटकर एकसाथ काम शुरू किया गया। इसके तहत पहला खंड मथुरा-गंगापुर सिटी 152 किलोमीटर, दूसरा खंड गंगापुरसिटी-कोटा 172 किलोमीटर एवं तीसरा खंड कोटा-नागदा 221 किलोमीटर में विभक्त किया गया।

226.25 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि दी

प्रोजेक्ट का कार्य पहले 2664.14 करोड़ रुपए से किया जाना था, लेकिन प्रोजेक्ट के अंत में निर्माण लागत में इजाफा होने पर रेलवे की ओर से प्रोजेक्ट के लिए 226.25 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि दी गई। इससे आखिरी चरण के इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रीफिकेशन के काम चल रहे हैं।
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5 फीसदी काम शेष

पहले योजना का काम दिसंबर 2024 में पूरा किया जाना था, लेकिन योजना का करीब 5 फीसदी काम शेष है। ऐसे में रेलवे की ओर से तीन माह का अतिरिक्त समय दिया है। अब योजना का काम मार्च 2025 तक पूरा किया जाना है।

यह काम हो गए पूरे

नागदा-मथुरा मार्ग पर ट्रैक के दोनों ओर 1090 किलोमीटर की चारदीवारी, क्रैश वेरियर लगाने का काम, 87 विद्युत लोकोे में कवच सिस्टम का इंस्टॉलेशन और कवच टावर लगाने का काम तकरीबन पूरा कर लिया गया है। पूरे मार्ग पर रेलवे सिग्नल एवं दूर संचार विभाग ने 549 किमी के दायरे में अब तक 117 नए कवच टावर स्थापित कर दिए हैं। इसके अलावा चार मुख्य ब्रिज के साथ 300 छोटी पुलियाओं की वहन क्षमता बढ़ाई गई है। ट्रैक पर 55 नॉन इंटरलॉक फाटकों का विलोपन करने का काम भी पूरा हो गया है। मार्ग पर 50 कर्व के एलॉयमेंट सुधारने का काम भी पूरा हो गया है। ट्रैक चैंजिंग प्वॉइंट्स पर अधिक स्पीड पर कंपन को कम करने के लिए 516 थिक वेव स्विच लगाए जा चुके हैं। विद्युत विभाग की ओर से मथुरा-गंगापुरा सिटी खंड पर ओवर हेड इक्यूपमेंट (ओएचई) का काम पूरा कर लिया गया है।

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