कोटा रेल मंडल के अधिकारियों ने बताया कि नागदा से मथुरा रेलवे मार्ग अति व्यक्त रेलमार्ग है। यह तीन राज्यों के महत्वपूर्ण शहरों को आपस में जोड़ता है। ऐसे में इस पर काफी व्यस्तता रहती है। इससे मार्ग पर इन ट्रेनों के संचालन और छोटे स्टेशनों पर ट्रेनों के ठहराव, मार्ग पर लोकल ट्रेनों के संचालन में काफी परेशानी होती है। इसके अलावा आदर्श स्थितियां होने के कारण इस मार्ग पर रेलवे की ओर से विभिन्न नई ट्रेनों का ट्रायल भी किया जाता है। इन सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए इस मार्ग का चयन मिशन रफ्तार प्रोजेक्ट के लिए किया गया।
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तेजी से तीन टुकड़ों में किया कार्य
मिशन रफ्तार के तहत नागदा से मथुरा तक 545 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर काम किया जाना था। ऐसे में गति शक्ति यूनिट प्रोजेक्ट को तीन अलग-अलग टुकड़ों में बांटकर एकसाथ काम शुरू किया गया। इसके तहत पहला खंड मथुरा-गंगापुर सिटी 152 किलोमीटर, दूसरा खंड गंगापुरसिटी-कोटा 172 किलोमीटर एवं तीसरा खंड कोटा-नागदा 221 किलोमीटर में विभक्त किया गया।226.25 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि दी
प्रोजेक्ट का कार्य पहले 2664.14 करोड़ रुपए से किया जाना था, लेकिन प्रोजेक्ट के अंत में निर्माण लागत में इजाफा होने पर रेलवे की ओर से प्रोजेक्ट के लिए 226.25 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि दी गई। इससे आखिरी चरण के इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रीफिकेशन के काम चल रहे हैं। यह भी पढ़ें