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कोटा

राणा प्रताप सागर बांध का रोज गिर रहा 2 से 3 मिलीमीटर जलस्तर

राणा प्रताप सागर बांध से रामगंजमंडी पचपहाड़ पेयजल योजना के तहत पानी की आपूर्ति की जा रही है। यहां से लगभग रामगंजमंडी सहित 228 गांव को पेयजल आपूर्ति की जाती है।

कोटाJun 11, 2024 / 05:52 pm

Santosh Trivedi

रावतभाटा. चंबल नदी पर बने सबसे बड़े बांध राणा प्रताप सागर बांध अपनी पूर्ण भराव क्षमता से लगभग 17 फीट खाली है। गांधी सागर बांध पर विद्युत उत्पादन बंद है। कोटा बैराज से नहरों में सिंचाई के लिए पानी दिया गया, उस दौरान राणा प्रताप सागर पन बिजली घर से विद्युत उत्पादन कर पानी की निकासी की गई। लेकिन गांधी सागर बांध ने विद्युत उत्पादन नहीं किया, जिससे राणा प्रताप सागर बांध का जलस्तर लगातार कम होता गया।
गांधी सागर बांध पन बिजली घर पर विद्युत उत्पादन बंद है और अभी रावतभाटा स्थित राणा प्रताप सागर पन बिजली घर से भी विद्युत उत्पादन बंद है। जवाहर सागर पन बिजली घर से भी विद्युत उत्पादन बंद है। राणा प्रताप सागर पन बिजली घर से विद्युत उत्पादन प्रारंभ करने पर जलस्तर और कम हो जाएगा।

जल स्तर में 2 से 3 मिली मीटर की हो रही कमी:

राणा प्रताप सागर बांध से रामगंजमंडी पचपहाड़ पेयजल योजना के तहत पानी की आपूर्ति की जा रही है। यहां से लगभग रामगंजमंडी सहित 228 गांव को पेयजल आपूर्ति की जाती है। जलस्तर कम होने से पानी दबाव से नहीं पहुंचता, जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है। रावतभाटा शहर एवं चारभुजा में भी पेयजल आपूर्ति पूर्ण दबाव से नहीं हो रही।
अभी बांध का जलस्तर अपनी पूर्ण भराव क्षमता 1157.50 फीट के मुकाबले 1140.72 फीट बना हुआ है। अभी बांध के भराव क्षेत्र से प्रतिदिन 2 से 3 मिलीमीटर पानी का वाष्पीकरण हो रहा है। गांधी सागर बांध पन बिजली घर से विद्युत उत्पादन हो तो राणा प्रताप सागर बांध का जलस्तर बढ़ सकता है या मानसून पहले आ जाए तो बांध का जल स्तर बढ़ सकता है। नहीं तो रामगंजमंडी पचपहाड़ पेयजल योजना पर भी संकट उत्पन्न हो सकता है। राणा प्रताप सागर बांध का जलस्तर 1 जून को 1140.90 फीट था, जो 10 जून को घटकर 1140.72 फीट रह गया।

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