scriptOMG: थैलेसीमिया पीडि़त किशोर एचआईवी पॉजिटिव, कोटा के ब्लड बैंक जांच के घेरे में | Thalassemia patient HIV-positive in kota | Patrika News
कोटा

OMG: थैलेसीमिया पीडि़त किशोर एचआईवी पॉजिटिव, कोटा के ब्लड बैंक जांच के घेरे में

जेके लोन अस्पताल में भर्ती थैलेसीमिया पीडि़त किशोर के जांच में एचआईवी पॉजिटिव आने से चिकित्सा महकमा सकते में है। कोटा के इतिहास में यह पहला केस है।

कोटाJan 21, 2018 / 07:08 pm

​Zuber Khan

HIV-positive
कोटा . जेके लोन अस्पताल में भर्ती थैलेसीमिया पीडि़त किशोर के जांच में एचआईवी पॉजिटिव आने से कोटा चिकित्सा महकमा सकते में है। परिजनों का अरोप है कि ब्लड ट्रांसफ्यूजन में ही किशोर संक्रमित हुआ, लिहाजा सरकारी के साथ ही दो-तीन निजी ब्लड बैंक भी जांच के दायरे में आ गए हैं।
यह भी पढ़ें
Big News:

कोटा यूआईटी ने सरकार को किया गुमराह, करोड़ों की जमीन पर बसा दी अवैध कॉलोनी



अस्पताल अधीक्षक ने पूरे मसले पर जांच की बात कही है। वहीं मरीज को जेकेलोन से न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल रैफर कर दिया है। छावनी एक मीनार मस्जिद निवासी 17 वर्षीय एक किशोर लम्बे समय से थैलेसीमिया से पीडि़त है। परिजन हर 15 दिन में जेके लोन अस्पताल लाकर रक्त चढ़वाते हैं। सोमवार को तबीयत ज्यादा खराब होने पर परिजनों ने उसे जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया।
यह भी पढ़ें
Video:

खुलासा: भरतपुर और करोली को आतंककारी हमले से दहलाने की धमकी के पीछे पुलिस से थी नाराजगी…आखिर क्या किया था पुलिस ने



वहां तीन दिन एमबीएस ब्लड बैंक से रक्त लाकर चढ़वाया। तबीयत में सुधार न आने पर लक्षणों के आधार पर डॉक्टर्स ने उसकी एचआईवी की जांच करवाई। शनिवार जब जांच रिपोर्ट आई तो उसे एचआईवी पॉजिटिव पाया गया। मामले में सरकारी के साथ ही निजी ब्लड बैंक भी जांच घेरे में आ गए हैं। पीडि़त की मां ने बताया कि हर 15 दिन में निजी ब्लड बैंक से रक्त लाकर रक्त चढ़ाते थे। मां का कहना है कि निजी ब्लड बैंक के चढ़ाए रक्त से भी यह हो सकता है।
यह भी पढ़ें
Politics:

ईओ के ट्रांसफर पर भड़के पालिकाध्यक्ष, बोले-गंदी राजनीति करने वाला नेता भुगतेगा परिणाम



पढ़ाई में होनहार
जीने की इच्छा और कुछ कर गुजरने के जज्बे के बीच जब थैलेसीमिया पीडि़त किशोर की एचआईवी रिपोर्ट आई तो माता-पिता बिफ र गए। मां ने बताया कि वह पढ़ाई में होनहार है। 10वीं में 80 प्रतिशत अंक लाने के बाद 12वीं कक्षा में उसने साइंस मैथ्स ली। जांच रिपोर्ट आने के बाद परिजनों के सपनों को झटका लगा है।
यह भी पढ़ें
खौफ :

इस रूट पर बस चलाने से डरती है रोडवेज, पुलिस भी कतराती है ड्राइवरों की सुरक्षा करने से



आरोप निराधार, जांच कराएंगे
जेके लोन अस्पताल अधीक्षक डॉ. एलएच मीणा ने बताया कि थैलेसीमिया पीडि़त के एचआईजी पॉजिटिव होने का कोटा में यह पहला मामला है। ब्लड बैंक में एलाइजा प्रणाली से जांच की जाती है। इसमें 18 से 21 दिन के भीतर रिपोर्ट सत्यापित होती है। ऐसे में परिजनों के आरोप निराधार हैं। संक्रमण कैसे हुआ, इसकी जांच कराई जाएगी।

बिना जांच के नहीं देते
कृष्णा रोटरी ब्लड बैंक निदेशक डॉ. वेदप्रकाश गुप्ता ने बताया कि कोई भी ब्लड बैंक बिना एलाइजा जांच के रक्त नहीं देता। हम भी जांच कर ही देते हैं। ब्लड का विंडो पीरियड होता है। इसमें बीमारी पकड़ में नहीं आती। जरूरी नहीं कि मरीज को हमारे ब्लड बैंक के रक्त से एचआईवी हुआ हो, पहले अन्य जगहों पर दिखाने से यह हो सकता है।
यह भी पढ़ें

डांडिया देखने गया युवक के सिर पर कुल्हाड़ी से किया ताबड़तोड़ वार, कोर्ट ने आरोपित को सुनाई 10 साल की सजा


ब्लड ट्रांसफ्यूजन से हो सकता है

सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश जैन ने कहा कि ब्लड बैंक में जो एचआईवी की जांच सुविधा उपलब्ध है, वह पर्याप्त नहीं। एचआईवी वायरस का पता नहीं चल पाता है, जो जांच सुविधा उपलब्ध है, उसमें एंटी बॉडी का पता चलता है। वायरस डिक्टेटिव होने में तीन से छह माह लग जाते हैं। किशोर को एचआईवी ब्लड ट्रांसफ्यूजन से भी हो सकता है।

Hindi News / Kota / OMG: थैलेसीमिया पीडि़त किशोर एचआईवी पॉजिटिव, कोटा के ब्लड बैंक जांच के घेरे में

ट्रेंडिंग वीडियो