कोटा. तेजा दशमी शुक्रवार को हर्षोल्लास से मनाई गई। तेजाजी के थानकों पर श्रद्धालुओं के मेले लगे। दिनभर जयकारे गूंजते रहे। इस दौरान सर्प दंश से पीड़ितों की डसियां काटी गई। तालाब की पाल स्थित तेजाजी के प्राचीन थानक पर गुरुवार देर रात स्वर्ण शृंगार के साथ ही मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया गया। दशमी पर शुक्रवार दोपहर पाती चढ़ाई व आरती की गई। पाती आने के बाद पुजारी जोधराज सैनी के सान्निध्य में 150 से अधिक सर्प दंश से पीड़ितों की डसियां काटी गई। यहां मेले का भी आयोजन किया। थानक से लेकर बड़ तिराहे तक दुकानें लगी नजर आई।
गोबरिया बावड़ी क्षेत्र स्थित तेजाजी के थानक पर बड़ी संया में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे। पुजारी धनपाल गुर्जर के सान्निध्य में विशेष शृंगार कर पूजा-अर्चना की गई। रातभर थानक तेजाजी की गाथा के सुरों से गूंजता रहा। घांसीलाल पंकज व अन्य कलाकारों ने पावां में बिछिया फरो बाईसा हारा…पायल फहरो रण-झण बाजती… मथा प बिंदली लगाओ बाईसा हारा बिंदली लगाओ रतन जड़ाऊ की…जैसी शृंखलाबद्ध कड़ियों के साथ तेजाजी की गाथा का गायन किया।
केशवपुरा, घोड़ा वाले बाबा तिराहे स्थित तेजाजी के थानकों पर भी श्रद्धालुओं का मेला लगा। इन थानकों पर बड़ी संया में लोग दर्शन करने पहुंचे। तेजाजी को दूध, फल, मिष्ठान अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना की। डसियां काटी गई।
शिक्षा मंत्री ने किया मेले का शुभारंभ : शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शुक्रवार को रंगबाड़ी में तेजा दशमी पर आयोजित वीर तेजाजी मेले का भव्य शुभारंभ किया। मेले में बड़ी संया में तेजाजी महाराज के श्रद्धालु एवं भक्तजन उपस्थित थे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि मेले हमारी लोक संस्कृति के परिचायक हैं।
कोटा•Sep 14, 2024 / 12:18 pm•
नीरज गौतम
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