पत्रिका जनादेश यात्रा: जोधपुर में ट्रैफिक की समस्या, अलवर में अपराध और रोजगार बड़े मुद्दे
धारीवाल ने कहा कि इन लोगों को विकास पच नहीं रहा कि इतने कम समय में इतना विकास कैसे हो गया। उन्होंने कहा कि रिवर फ्रंट पर हादसे के शिकार हुए देवेन्द्र आर्य व सहायक की मौत का बहुत दुख है। आर्य हमारे एसेट थे। अच्छे एक्सपर्ट होने के कारण देश-विदेश में उनका नाम था। आर्य जैसे काबिल आदमी के जाने से यह प्रोजेक्ट अटक गया है। चुनाव से पहले घंटी खोलने का कोई दबाव नहीं था। धारीवाल ने कहा कि एयरपोर्ट के लिए राज्य सरकार ने 500 हैक्टेयर भूमि दे दी है। यूआईटी की जमीन सिविल एविएशन के खाते दर्ज करवा दी है। वन विभाग की भूमि के रुपए भी जमा करवा दिए हैं। अब डायवर्जन का काम केंद्र सरकार के स्तर पर बाकी है। राज्य सरकार ने निशुल्क भूमि दे दी है।