बांधों के भराव क्षेत्र में आने वाले पानी पर 24 घंटे नजर रहेगी। आवक और निकासी प्रक्रिया पर अधिकारियों की नजर रहेगी। मानसून सत्र में पानी की आवक होने पर पहले बांध का जलस्तर अपनी क्षमता पर पूरा किया जाएगा और मानसून सत्र के दौरान कब- कब कितना जलस्तर रखा जाना है, उतना जलस्तर रखा जाएगा और अधिक पानी की आवक होने पर निकासी की जाएगी।
राणा प्रताप सागर बांध और जवाहर सागर बांध स्काडा सिस्टम से जुड़े हुए हैं। लेकिन अभी ड्रिप के तहत होने वाली निविदा नहीं हो पाई। जिस कारण राणा प्रताप सागर बांध के स्लूज गेट स्काडा सिस्टम से नहीं जुड़ पाए हैं।
ड्रिप योजना में राणा प्रताप सागर बांध जवाहर सागर बांध और कोटा बैराज पर कार्य कराया जाना है। अधिकारियों ने बताया कि तीन बार निविदा आमंत्रित की गई और किसी ने भी निविदा प्रक्रिया में भाग नहीं लिया। अब इसके लिए जयपुर मुयालय से मंजूरी लेकर दोबारा निविदा प्रक्रिया की जाएगी।
उपखंड क्षेत्र में मानसून सत्र के दौरान होने वाली बरसात को देखते हुए तहसील कार्यालय और पंचायत समिति कार्यालय में भी नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा जो 24 घंटे कार्यशील रहेगा।