Raed more : फूल विक्रेताओं को यार्ड दो में बिठाने पर बिफरे व्यापारी इन ट्रेनों को अधिकतम 160 किमी प्रति घंटा गति के लिए डिजाइन किया जाएगा। इससे यात्रा में लगने वाले समय में खासी कमी आएगी। कोटा में मंडल में 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक ट्रायल हो चुका है। रेलवे एम्पलाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि ट्रेड यूनियन निजीकरण का शुरू से ही विरोध कर रहे हैं। जब रेलकर्मियों को ही कार्य करना है तो वे सरकारी क्षेत्र को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य करते आए हैं। रेलवे ने कई दशकों के परिश्रम से देशभर में आधारभूत संरचना तैयार की है। उसका उपयोग रेलहित में होना चाहिए। इसलिए निजीकरण नहीं हो इसके लिए आंदोलन किया जाएगा।