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साढ़े तीन साल पुराने इस मामले में शनिवार को सुनवाई के दौरान फरियादी व गवाह अंसार अली पुलिस सुरक्षा में अदालत पहुंचा। तीन दिन पहले सुनवाई के दौरान उसने आरोपित आईपीएस के नाम से बदमाशों द्वारा धमकाने का प्रार्थना-पत्र अदालत में पेश किया था। इस पर अदालत ने एसपी को आदेश दिया था कि बयान होने तक गवाह को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराएं। इसकी पालना में उसे सुरक्षा में अदालत लाया गया। सहायक निदेशक अभियोजन एहसान अहमद ने बताया कि अंसार के बयान तो हुए लेकिन उससे जिरह पूरी नहीं हो सकी।
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इधर, आरोपित आईपीएस सत्यवीर सिंह की ओर से भी एक प्रार्थना-पत्र अदालत में पेश किया गया। इसमें कहा कि गवाह अंसार को बयान होने तक पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए क्योंकि उनके नाम से जिस तरह से धमकाने के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं, यदि उसके साथ कुछ अनहोनी होती है तो उन्हें ही दोषी ठहराया जाएगा।
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इसलिए अंसार को पुलिस सुरक्षा दी जाए। एहसान अहमद ने बताया कि अदालत ने प्रार्थना-पत्र को रख लिया। लेकिन सत्यवीर सिंह की ओर से गवाह को धमकाने के संबंध में जो जवाब मांगा गया था वह पेश नहीं किया। इसके लिए समय चाहा है। सुनवाई के दौरान सत्यवीर सिंह व निसार अहमद मौजूद थे जबकि फरहीन पेश नहीं हुई।