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प्लेटलेट्स हो रही कम, लेकिन डेंगू रिपोर्ट नेगेटिव, बीमारी का नया वर्जन कर रहा परेशान

अस्पताल में ऐसे भी मरीज आ रहे हैं जिनमें लक्षण डेंगू जैसे होते है। अचानक प्लेटलेट्स भी कम हो रही होती है। लेकिन जब जांच करते हैं तो डेंगू नेगेटिव होता है।

कोटाSep 27, 2024 / 02:52 pm

Santosh Trivedi

इन दिनों मौसमी बीमारियां पैर पसार रही है। इससे घर-घर में बुखार के मरीज मिल रहे हैं। सरकारी अस्पताल समेत निजी अस्पतालों में भी रोजाना हजारों लोग मर्ज के उपचार के लिए पहुंच रहे है। हैरानी की बात यह है कि अस्पतालों में पहुंच रहे मरीजों में करीब दस प्रतिशत मरीज ऐसे हैं, जिनकी डेंगू की जांच रिपोर्ट तो नेगेटिव है, लेकिन प्लेटलेट्स में कमी आ रही है। विशेषज्ञों के अनुसार इसका कारण वायरल बुखार भी हो सकता है। वायरल फीवर कुछ मामलों में मरीज के बोन मैरो पर भी असर कर सकता है। इससे शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा कम हो सकती है। आमतौर पर प्लेटलेट्स कम होना डेंगू रोग का लक्षण माना जाता है, लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है तो मरीज भी उपचार को लेकर परेशान है। मजबूरन मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श के लिए अस्पतालों में पहुंचना ही पड़ रहा है। हालांकि राहत की बात यह है कि सांगोद क्षेत्र में अभी डेंगू का कोई मामला सामने नहीं आया। ज्यादातर मरीज मौसमी बीमारियों से जूझते हुए अस्पतालों में पहुंच रहे हैं।

लक्षण डेंगू जैसे, लेकिन डेंगू नहीं

अस्पताल में ऐसे भी मरीज आ रहे हैं जिनमें लक्षण डेंगू जैसे होते है। अचानक प्लेटलेट्स भी कम हो रही होती है। लेकिन जब जांच करते हैं तो डेंगू नेगेटिव होता है। इससे साफ है कि प्लेटलेट्स गिरने का मतलब, सीधे डेंगू नहीं होता। यह बुखार का नया स्ट्रेन है या कुछ और फिलहाल इसका जवाब चिकित्सकों के पास भी नहीं है।
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गले व गाल में सूजन

इन दिनों बच्चों में भी वायरल संक्रमण फैल रहा है, जिसमें कान के निचले हिस्से व गले में सूजन आ रही है। चिकित्सकीय भाषा में इसे मम्प्स और आम बोलचाल में इसे गलसुआ या गलफड़ा बोला जाता है। यह बीमारी आमतौर पर संक्रमित मरीज के खांसने व छींकने से हवा के जरिए दूसरे लोगों में फैलती है। इस बीमारी से स्कूली बच्चे ज्यादा ग्रसित हो रहे है। इसमें कानों के नीचे और चेहरे के सामने वाले हिस्सों पर सूजन, दर्दनाक लार ग्रंथियां, गले में खराश, बुखार, सिरदर्द, थकान और भूख में कमी जैसे लक्षण सामने आ रहे है। ठीक होने में करीब दो हफ्ते लग रहे हैं।

प्लेटलेट्स गिरे तो यह करे घरेलू उपाय

– इस बीमारी में सबसे पहले तो चिकित्सकीय जांच एवं उपचार जरूरी है
– घरेलू उपचार में पपीते का काढ़ा बनाकर पीए

– रोजाना मुठ्ठीभर मुनक्का भिगोकर खाए
– संतरा, आंवला, नीबू जैसे विटामिन सी से भरपूर आहार ले
– अनार व कीवी का भरपूर सेवन करे
– पालक का सूप, हरी सब्जी व चुकंदर का उपयोग करें

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मम्प्स के दौरान यह बरते सावधानी

– मम्प्स एक संक्रामक रोग है, लक्षण दिखने पर चिकित्सक को दिखाए
– संक्रमित व्यक्ति घर पर रहे और अन्य लोगों से दूरी बनाए रखे
– गर्म पानी एवं नमक से गालों की सिकाई करे

– सूजन एवं दर्द को कम करने के लिए अदरक एवं हरड़ का उपयोग करे
– बीमारी से बचाव के लिए संक्रमित मरीज से दूरी बनाकर रखे

एक्सपर्ट व्यू


– वायरल बुखार में भी प्लेटलेट्स कम हो सकती है। अभी कुछ मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिनकी डेंगू की रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है, लेकिन प्लेटलेट्स में कमी आई है। ऐसे में घबराएं नहीं, चिकित्सक से सलाह लें। बच्चों में मम्प्स बीमारी के भी प्रतिदिन मामले सामने आ रहे है। संक्रमित बच्चों को घर पर रहकर आराम करने की जरूरत होती है। इसके लिए जल्द स्कूलों में भी एडवायजरी जारी की जाएगी।
– डॉ. रविकांत मीणा, अस्पताल प्रभारी

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