Patrika Raksha Kavach: ‘मोबाइल-सोशल मीडिया का समझदारी से करेंगे उपयोग, अन्य को भी करेंगे जागरूक’
Patrika Raksha Kavach Campaign: कोटा के राजकीय महिला आईटीआई कॉलेज में छात्राएं बोलीं : मोबाइल-सोशल मीडिया का समझदारी से करेंगे उपयोग, अन्य को भी करेंगे जागरूक
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: साइबर क्राइम लगातार बढ़ रहे हैं। शहर से लेकर गांवों तक अपराधियों का जाल फैला हुआ है। नौकरी दिलाने, लोन दिलाने, उद्योग लगानें, विवाह और लॉटरी के नाम पर साइबर ठग लोगों को शिकार बना रहे हैं। साइबर ठग फोन व सोशल मीडिया के जरिए ऐसी चाल चलते हैं कि आमजन डर व जागरूकता के अभाव में झांसे में आ जाते हैं। खुद के ठगे जाने का पता तब चलता है, जब अकाउंट खाली हो जाता है। राजस्थान पत्रिका ’पत्रिका रक्षा कवच’ अभियान के माध्यम से आमजन को जागरूक कर रही है। गुरुवार को पत्रिका टीम डीसीएम रोड स्थित राजकीय महिला आईटीआई कॉलेज पहुंची। यहां साइबर एक्सपर्ट्स सुरेन्द्र सिंह व कृष्ण मुरारी और मनोवैज्ञानिक वरुण रस्सेवट ने स्टूडेंट्स को जागरूक किया।
एक्सपर्ट सिंह ने विभिन्न घटनाओं के उदाहरण देते हुए साइबर क्राइम से बचने के टिप्स दिए। उन्होंने अपराधियों के ठगी के लिए अपनाए जा रहे तरीकों के बारे में बताते हुए कहा कि सामने आकर कोई अपराध करता है तो हम उसे पहचान लेते हैं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से ठगी से बचना चुनौती है। इससे हम सावधानी व जागरूकता से ही बच सकते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर बने अकाउंट्स हैक होने समेत अन्य जानकारियां दी।
मनोवैज्ञानिक रस्सेवट ने कहा कि मोबाइल सब सुनता और देखता है। हमने कब, कहां, किससे बात की, कौनसा चित्र डाउनलोड किया, यहां तक कि जो आपने डिलिट कर दिया, वह भी दोबारा आ जाता है। ऐसे में ऐसी कोई जानकारी जो हमे शर्मींदगी का अहसास करवाए, मोबाइल में नहीं डालें। फोन इत्यादि करने के नाम पर भी अनजान को अपना मोबाइल नहीं सौंपे, न फोटो या आईडी शेयर करें।
एक्सपर्ट ने उदाहरण देते हुए साइबर क्राइम से बचने के दिए टिप्स
आजकल फ्रॉड डिजिटल अरेस्ट से होता है। वीडियो कॉल से किसी को गिरतारी का डर दिखाकर उसे घर में ही कैद कर राशि वसूली जाती है। ऐसे कॉल्स नहीं उठाएं।
ठग आपकी कुछ सही जानकारियां आपसे साझा कर विश्वास जीतेंगे। गिरतारी का डर दिखा ब्लैकमेल कर पैसे ट्रांसफर करने के लिए विवश कर सकते हैं। वीडियो कॉल पर वर्दी में भी कॉल कर सकते हैं। इनसे डरें नहीं फोन काट दें।
आपसे कहेंगे आपके नाम से एक कूरियर आया है, जिसे हमने एयरपोर्ट पर पकड़ लिया है, जिसमें ड्रग्स है। गिरतारी का डर दिखाकर पैसे देने के लिए मजबूर करेंगे। यह भी कह सकते हैं कि आपके नाम से एक सिम एवं अकाउंट से करोड़ों की ठगी हुई है, इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग के केस में आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज है, इससे बचने के लिए आपसे पैसे वसूलेंगे। इन बातों पर ध्यान मत दीजिए।
मोबाइल पर किसी भी संस्था के संपर्क नबर, कस्टमर केयर, कूरियर, डॉक्टर, हॉस्पिटल अपॉइंटमेंट, फैमिली ट्रिप, ई-कॉमर्स कपनी के नबर नहीं खोजें। गूगल सर्च पर अनजान व्यक्ति का कॉल आता है तो उसके कहे अनुसार कार्य नहीं करें, न ही बात करें।
परिचित बनकर कोई आपके खाते में पैसे डालने की बात करे तो लालच में नहीं फसें। ऐसा किया तो वह आपको बैलेंस क्रेडिट का मैसेज करेगा, जिससे आपको लगेगा कि खाते में पैसे आ गए। फिर वो पैसे को वापस करने को कहेगा। ऐसा किया तो आप फंस सकते हैं।
फर्जी इन्वेस्टमेंट एप या स्कीम के झांसे में न आएं। आपके पास किसी अनजान/इंटरनेशनल नबर से व्हाट्सअप पर कोई पार्ट टाइम जॉब के लिए मैसेज आता है और आपको टेलीग्राम पर किसी ग्रुप में जुड़ने के लिए बोले तो उसे तुरंत ब्लॉक करें।
किसी कपनी के नाम से मिलती-जुलती ईमेल आईडी पर रिप्लाई करने से पहले कपनी के बारे में जानकारी लें व कॉंन्टेक्ट सेक्शन में जाकर सही ईमेल आईड़ी देखें।
किसी भी ईमेल या मैसेज से आए अनजान लिंक पर कभी भी क्लिक नहीं करें। रिमोट एक्सेस एप (कोई भी ऐसा एप जिसकी आपको जानकारी न हो तो डाउनलोड नहीं करें। किसी भी APK फाइल जिस पर कोई भी आइकन लगा हो, उसे डाउनलोड नहीं करें, न ही अपनी जानकारी शेयर करें।
अनजान लड़की-लड़के के नाम से कोई फ्रैंड रिक्वेस्ट आती है तो उसे स्वीकार नहीं करें। बच्चों को ऑनलाइन पैड गेस खेलने से रोंके।
एक्सपर्ट्स ने साइबर क्राइम से संबंधित 1930 नंबर की जानकारी दी। स्टूडेंट्स ने सवाल पूछे और कहा थैंक्स पत्रिका, हम इन बातों का ध्यान रखेंगे। घर परिवार व बुजुर्गों को भी जागरूक करेंगे। कॉलेज अनुदेशक गोपीराज सोनी ने पत्रिका अभियान की जानकारी दी और कहा इससे जागरूकता आ रही है।
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