पत्रिका के रक्षा कवच अभियान के तहत पीएम श्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कैथून में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में साइबर एक्सपर्ट सुरेश कुमार ने स्टूडेंट्स को प्ले स्टोर से ही ऐप डाउनलोड करने को लेकर आगाह किया। एंड्रॉइड फोन के इस्तेमाल के दौरान गेम खेलने, सामग्री मंगवाने आदि सुविधा के लिए ऐप डाउनलोड किए जाते हैं, लेकिन सावधानी नहीं रखने से आर्थिक के साथ सामाजिक परेशानी खड़ी हो जाती है। कई बार जॉब के लालच में फ्रॉड ठग रहे हैं। ये आपको अच्छा ऑफर देकर डाक्यूमेंट कम्पलीट करवाते हैं, जिसमें सभी प्रकार की जानकारी लेकर आपसे पेमेंट भी डलवा लेते हैं। इस तरह के फ्रॉड में युवा ज्यादा फंस रहे हैं। एटीएम के पासवर्ड बदलते रहे। कई फर्जी वाट्सअप कॉल व डीपी लगा भी पैसे मांगे जाते हैं। जांच परख कर ही पैसे ट्रांसफर करें। आजकल शादियों के लिए ऑनलाइन गिफ्ट या निमंत्रण भेजते है तो वे भी फर्जी निकल रहे है। एक्सपर्ट वरुण रस्सेवट ने सोशल मीडिया के सही उपयोग के बारे में बताया।
इन बातों का रखें ध्यान
- ऑनलाइन पढ़ाई, ऑनलाइन गेम या इंटरनेट पर काम के दौरान किसी अनजान/ फर्जी मैसेज, एपीके फाइल आदि से बचकर रहें।
- अपनी निजी जानकारी किसी भी अनजान व्यक्ति से शेयर न करें।
- अपराध होने की स्थिति में नं. 1930, साइबर क्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पर करें।
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सतर्कता से बचा बैंक एकाउंट
मेरे पास एक परिचित का नाम लेकर कॉल आया था। उस समय मेरे पास बेटी बैठी थी, तभी उसने कहा कि उनका नाम पूछो, जब नाम पूछा तो वह परिचित का नाम नहीं था। फोन को डिस्कनेक्ट किया। फिर भी मेरे पास एकाउंट से पैसे ट्रांसफर होने का एक मैसेज आ गया, फिर मैसेज को ध्यान से देखा तो उसमें सभी नम्बरों के पीछे क्रॉस लगा हुआ था। जबकि बैंक से पैसा ट्रांसफर होता है तो फोन डिजिज आती है। एकाउंट में स्मॉल ए व केपिटल सी था। बैंक मैसेज में केपिटल ए व स्मॉल सी आता है। बैंक का ट्रांजेक्शन देखा तो उसमें सबकुछ सही था। सतर्कता से बैंक एकाउंट खाली होने से बच गया। भावना अग्रवाल, शिक्षिका
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साइबर फ्रॉड से बच गए
एक माह पूर्व मेरे मोबाइल पर मेरे मित्र की आवाज में एक कॉल आया कि मैं हरिकिशन मीणा, जयपुर वाला बोल रहा हूं, आप कैसे हैं? आवाज से मुझे विश्वास हो गया। उसने कहा कि मेरा फोन काम नहीं कर रहा है। मुझे किसी को पच्चीस हजार रुपए ऑनलाइन देने हैं। मैं आपको पैसे ट्रांसफर करवा दूंगा। एक क्यूआर कोड भी भेज रहा हूं। उस पर आप राशि ट्रांसफर कर देना। कुछ देर में मनी ट्रांसफर का मैसेज भी आ गया। इस बीच बेटे आयुष ने मैसेज देखा। उसने बताया कि यह बैंक का नहीं फर्जी टेक्स्ट मैसेज है। फिर मैंने राशि नहीं भेजी और मैं साइबर फ्रॉड से बच गया। बाद में मित्र को फोन किया तो पता चला कि उसने कोई फोन नहीं किया। अशोक गुप्ता, प्राचार्य