Read more : बूंदी बस हादसा: एक साथ जलीं 21चिताएं, लोगों ने कहा- ऐसा पहले नहीं देखा,हर शख्स की आँखे हुई नम… पहले झालावाड़ में था स्कूल
संगीत स्कूल पहले झालावाड़ में संचालित था। 1956 में संगीतज्ञ नवल किशोर राव के प्रयासों से यह स्कूल कोटा के रामपुरा महात्मा गांधी स्कूल संचालित हुआ। तब से यह स्कूल यहीं पर संचालित है। इस स्कूल से संगीत की शिक्षा लेकर कई विद्यार्थियों ने मुकाम पाया है। लेकिन अब इसकी बदहाली पर किसी का ध्यान नहीं है। गौरतलब है कि गत दिनों कोटा आए शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा को स्कूल की समस्याओं को अवगत कराया गया था। अब स्कूल में संगीत शिक्षकों भर्ती को लेकर नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल तक से गुहार की गई है।
संगीत स्कूल पहले झालावाड़ में संचालित था। 1956 में संगीतज्ञ नवल किशोर राव के प्रयासों से यह स्कूल कोटा के रामपुरा महात्मा गांधी स्कूल संचालित हुआ। तब से यह स्कूल यहीं पर संचालित है। इस स्कूल से संगीत की शिक्षा लेकर कई विद्यार्थियों ने मुकाम पाया है। लेकिन अब इसकी बदहाली पर किसी का ध्यान नहीं है। गौरतलब है कि गत दिनों कोटा आए शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा को स्कूल की समस्याओं को अवगत कराया गया था। अब स्कूल में संगीत शिक्षकों भर्ती को लेकर नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल तक से गुहार की गई है।
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संगीत स्कूल में कुल 19 जनों का स्टाफ है। इनमें शिक्षक कल्याण सिंह, मीना चौरायवाल, कुशाल कनवाड़ा, दीपक बादल प्रतिनियुक्ति पर लगे हैं। जबकि हिन्दी की राधा पाठक, आशा राठौर लगी हैं। शिक्षक मुक्ता शर्मा, सज्जन कंवर, राजेश गालव, श्याम लता, सुमन चौहान अन्य विषयों के हैं। इनमें राजेश गालव व सुमन चौहान ने म्यूजिक में डिप्लोमा लिया है। संगीत गायन की संगीता सोरल, तबला के राजकुमार कनाड़ा व नृत्य की बरखा जोशी, म्यूजिक की मृदुला वर्मा भी कार्यरत है।
संगीत स्कूल में कुल 19 जनों का स्टाफ है। इनमें शिक्षक कल्याण सिंह, मीना चौरायवाल, कुशाल कनवाड़ा, दीपक बादल प्रतिनियुक्ति पर लगे हैं। जबकि हिन्दी की राधा पाठक, आशा राठौर लगी हैं। शिक्षक मुक्ता शर्मा, सज्जन कंवर, राजेश गालव, श्याम लता, सुमन चौहान अन्य विषयों के हैं। इनमें राजेश गालव व सुमन चौहान ने म्यूजिक में डिप्लोमा लिया है। संगीत गायन की संगीता सोरल, तबला के राजकुमार कनाड़ा व नृत्य की बरखा जोशी, म्यूजिक की मृदुला वर्मा भी कार्यरत है।
पोर्टल पर नाम नहीं
संगीत स्कूल की शिक्षा विभाग के पोर्टल पर कोई जगह नहीं है। विभाग की ओर चलने वाले शाला दर्पण पोर्टल में नाम नजर नहीं आता। ऐसे में उच्चाधिकारियों को यह पता नहीं चलता कि स्कूल में क्या संसाधन हैं। भवन है या नहीं और कितने शिक्षक लगे हैं।
संगीत स्कूल की शिक्षा विभाग के पोर्टल पर कोई जगह नहीं है। विभाग की ओर चलने वाले शाला दर्पण पोर्टल में नाम नजर नहीं आता। ऐसे में उच्चाधिकारियों को यह पता नहीं चलता कि स्कूल में क्या संसाधन हैं। भवन है या नहीं और कितने शिक्षक लगे हैं।
स्कूल का खुद का भवन नहीं
बरसों से संगीत स्कूल का खुद का अपना भवन नहीं है। महात्मा गांधी स्कूल में एक कमरा मिला हुआ है। उसमें ही प्रिंसिपल कक्ष है। स्टाफ बैठता है और प्रशासनिक कार्य होता है। यहीं पर तबला, हारमोनियम सहित अन्य स्टूमेंट रखे हैं। इसमें गिटार, तलबा व हारमोनियम पड़े-पड़े खराब हो गए।
बरसों से संगीत स्कूल का खुद का अपना भवन नहीं है। महात्मा गांधी स्कूल में एक कमरा मिला हुआ है। उसमें ही प्रिंसिपल कक्ष है। स्टाफ बैठता है और प्रशासनिक कार्य होता है। यहीं पर तबला, हारमोनियम सहित अन्य स्टूमेंट रखे हैं। इसमें गिटार, तलबा व हारमोनियम पड़े-पड़े खराब हो गए।
Read more : Bundi Accident : लोकसभा स्पीकर और सीएम अशोक गहलोत ने जताया दुख, 24 लोगों की मौत की पुष्टि… स्कूल में 1989 से शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई। विभाग के पोर्टल पर भी इसका नाम दर्ज नहीं है। विभाग ने ही अन्य विषयों के शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर लगा रखे हैं। स्कूल भवन के लिए बसंत विहार स्थित ब्लड बैंक के पास जमीन मिल चुकी है। सांसद कोष से राशि स्वीकृत हो चुकी है। जल्द उसे बनाने का प्रयास करेंगे।
अशोक जैन, प्रिंसिपल, संगीत स्कूल, रामपुरा