scriptHeavy Rain’s lockdown : बारां में 100 से अधिक गांव टापू बने, कोटा शहर की कई बस्तियां जलमग्न | More than 100 villages became islands in Baran, Kota, bundi | Patrika News
कोटा

Heavy Rain’s lockdown : बारां में 100 से अधिक गांव टापू बने, कोटा शहर की कई बस्तियां जलमग्न

-हाड़ौती में लगातार भारी बरसात से विकट बने हालात-भारी बरसात ने लगाया कोटा-बारां में ‘लॉकडाउन ‘-कोटा बैराज के तीन गेट खोलकर 9 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है-दुकानों व घरों में घुसा पानी, जनजीवन अस्त-व्यस्त
-अधिकारियों व कर्मचारियों को बिना अनुमति मुख्यालय छोडऩे पर रोक
-चम्बल का प्रवाह बढऩे की संभावना के चलते कोटा से धौलपुर तक अलर्ट कर रखा है

कोटाAug 03, 2021 / 12:04 pm

Kanaram Mundiyar

Heavy Rain's lockdown : बारां में 100 से अधिक गांव टापू बने, कोटा शहर की कई बस्तियां जलमग्न

Heavy Rain’s lockdown : बारां में 100 से अधिक गांव टापू बने, कोटा शहर की कई बस्तियां जलमग्न

कोटा.
राजस्थान में भारी बरसात का कहर लगातार जारी है। हाड़ौती अंचल में चम्बल व उसकी सहायक नदियां उफान पर चल रही है। कोटा संभाग के बांध छलक रहे हैं। हाड़ौती क्षेत्र में लगातार भारी बरसात (heavy rain in kota) का दौर जारी है। बारां जिले में 100 से अधिक गांव जलमग्न होकर टापू बने हुए हैं। कोटा शहर की कई बस्तियां पानी से घिर चुकी है। लोग घरों में कैद (Heavy Rain’s lockdown) हो चुके हैं।
कोटा शहर में सोमवार रात से लगातार भारी बरसात चल रही है। बारां जिले के हालात बिगड़ रहे हैं। आपदा दलों की ओर से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल हालात पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं। जल भराव से घिरे लोग खुद को बचाने की गुहार कर रहे हैं। हजारों बीघा खेतों में फसलें पानी में डूब गई हैं। कई कच्चे मकान ढह गए। कई जगह रास्ते अवरुद्ध होने से गांवों का जिला मुख्यालयों से सम्पर्क कट गया। सैकड़ों गांवों की बिजली आपूर्ति ठप है। लेकिन टापू बने गांवों से लोगों को बाहर निकालने में जनप्रतिनिधि भी कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।
चम्बल के बांधों में भी पानी की भारी आवक हो रही है। चम्बल नदी पर बने बांध कोटा बैराज के तीन गेट खोलकर 9 हजार क्यूसेक पानी निकासी की जा रही है। जवाहर सागर से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। भारी बरसात के चलते कोटा बैराज के अधिक गेट भी खोले जा सकते हैं। चम्बल का प्रवाह बढऩे की संभावना के चलते कोटा से धौलपुर तक अलर्ट कर रखा है। चम्बल में पानी बढऩे के साथ ही चम्बल से सटे कस्बे व शहरों की चिन्ता लगातार बढ़़ रही है। किसी भी बड़ी आपदा की संभावना के चलते कोटा जिला प्रशासन ने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को बिना अनुमति मुख्यालय छोडऩे पर रोक लगा दी है।
Heavy Rain's lockdown : बारां में 100 से अधिक गांव टापू बने, कोटा शहर की कई बस्तियां जलमग्न
बारां : शाहाबाद में 10 इंच बरसात, सौ से अधिक गांव बने टापू
बारां जिले में पिछले करीब एक सप्ताह से सक्रिय मानसून से अब हालात बिगडऩे लगे हैं। जिले के सौ से अधिक गांव टापू बन गए है तो शाहाबाद उपखंड क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए है। मंगलवार सुबह 8 बजे बीते 24 घंटों में शाहाबाद उपखंड मुख्यालय पर 10 इंच (255 मिमी) अन्ता में 3 इंच (74 मिमी) बारां में 5 इंच (124 मिमी) मांगरोल में 7 इंच (172 मिमी) छबड़ा में 6 इंच (140 मिमी) किशनगंज में 7 इंच (175 मिमी) छीपाबड़ौद में 81 मिमी व अटरू में 6.5 इंच (166 मिमी) बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहीं बारां जिले में गत 1 जून से 3 अगस्त सुबह 8 बजे तक 646 मिमी 25.84 इंच बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है।
Heavy Rain's lockdown : बारां में 100 से अधिक गांव टापू बने, कोटा शहर की कई बस्तियां जलमग्न
कोटा संभाग में बारिश का कहर : एक नजर
-सोमवार को चम्बल नदी पर बने बांध कोटा बैराज के दो गेट खोले गए थे। पानी बढऩे पर मंगलवार सुबह तीसरा गेट भी खोल दिया गया। अब 9 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
-कोटा संभाग की आहू, पार्वती, परवन, कालीसिंध, मेज नदी उफान पर चल रही है।
-बारां शहर के बाजारों में जलभराव होने से लॉकडाउन जैसे हालात हो गए हैं। दुकानों व घरों में पानी घुस रहा है।
-बूंदी जिले के कापरेन में पक्का मकान ढहने से दबकर एक बालिका की मौत हो गई।
-कोटा जिले के खातौली के अठाहवां क्षेत्र में देहलोत, नयागांव, गोठड़ा, ठीकरदा समेत अन्य गांव पानी से घिर गए हैं। इन गांवों की विद्युत आपूर्ति ठप है।
-इटावा क्षेत्र के धनवां गांव टापू बनने से नाव की मदद से प्रसूता को बाहर निकाला गया। इटावा व पीपल्दा क्षेत्र में दर्जनों कच्चे मकान ढह गए।
-सुल्तानपुर क्षेत्र में हाट बाजार में आठ फीट पानी हो गया।
-मारवाड़ चौकी का रेलवे नाला उफान पर आने से स्टेट हाइवे कोटा-श्योपुर मार्ग बंद है।
-मंडावरा-रोटेदा पुलिया पर पानी से मंडावरा-बूंदी मार्ग बंद हो गया। शहर में निचली बस्तियों में पानी भर गया।
-कोटा शहर में तालाब गांव व बरड़ा बस्ती सहित कई कॉलोनियों हुई जलमग्न
-कोटा शहर में तलवंडी, बोरखेड़ा व नयापुरा की कई कालोनियों के घरों में आया पानी।
-बूंदी जिले के कापरेन में पानी भरने पर लोगों ने लगाया जाम, पालिका व पुलिस प्रशासन की समझाइस के बाद ग्रामीणों ने हटाया हाइवे से जाम। बीते पांच दिनों से हो रही बरसात से भावपुरा बस्ती में भर गया बरसाती पानी।
-झालावाड़ में भीमसागर बांध और उजाड़ नदी में आवक तेज, भीमसागर क्षेत्र में लगातार तीन दिन से हो रही बारिश से नदी नाले उफान पर आ गए हैं।
-बारां जिले के शाहाबाद में बारिश और बाढ़ के हालात, शाहाबाद कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र में 10 इंच से अधिक भारी बारिश के चलते लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं।
Heavy Rain's lockdown : बारां में 100 से अधिक गांव टापू बने, कोटा शहर की कई बस्तियां जलमग्न
Heavy Rain's lockdown : बारां में 100 से अधिक गांव टापू बने, कोटा शहर की कई बस्तियां जलमग्न
बारां : मुख्य मार्गो समेत कई बस्तियों में पानी का भराव

शहर में लगातार हो रही बरसात से मुख्य मार्गो समेत कई बस्तियों में पानी का भराव हो गया। प्रताप चौक धर्मादा चौराहा स्टेशन रोड पर डेढ़ से 3 फीट तक पानी का भराव हो गया। जिसके चलते आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वही शहर में जिला कलेक्टर राजेंद्र विजय तथा एसपी विनीत बंसल ने जायजा लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। वही सभी थानों को अलर्ट मोड पर कर दिया गया है।
Kota : जलमग्न बस्तियां-
कोटा : कोटा में पिछले चार-पांच दिनों से लगातार बारिश के चलते निचली बस्तियों में पानी भर गया । कोटा में बोरखेड़ा थाना क्षेत्र के कौटिल्य नगर बालाजी नगर फर्स्ट सेकंड थर्ड कॉलोनियों में करीब 5 फीट तक पानी भर गया . लोग घरों में कैद हो गए । वही देवली अरब रोड स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय में भी 3-3 फिट पानी भरा हुआ है। पानी भरने से सवेरे से स्कूल के ताले लगे हुए हैं
इटावा : चम्बल, पार्वती व कालीसिंध में उफान
-खातोली में पार्वती की पुलिया पर 30 फीट पानी
-चम्बल की झरेल पुलिया पर 22 फीट पानी
-इटावा क्षेत्र के 50 गांव टापू बने
– कच्चे मकान गिरे, टीमें तैनात, अलट जारी
मोतीपुरा बांध पर 9 इंच की चादर-
बारां जिले में पार्वती नदी उफान पर होने से नारेड़ा ग्राम पंचायत के तीन गांव हनोतिया, गुगलहेड़ी, सींघी का टापरा टापू बने हुए हैं। बूंदी जिले के नैनवां क्षेत्र में कासपुरिया के पास नाला अवरुद्ध होने से गांव में पानी भर गया। इससे बाढ़ जिसे हालात पैदा हो गए। मोतीपुरा बांध पर 9 इंच की चादर चलना शुरू हो गई। इसकी भराव क्षमता 17 फीट है। गेण्डोली-झालीजी का बराना सडक़मार्ग के मध्य बाबड़दा के खाळ की पुलिया दूसरे दिन भी पानी बहने से आवागमन बाधित रहा। पच्चीपला मेज नदी की पुलिया भी दो दिन से जलमग्न है।
बहते शिक्षक को ग्रामीणों ने बचाया-

झालावाड़ जिले के भवानीमंडी क्षेत्र में मांडवी नदी की पुलिया पार करते वक्त एक शिक्षक के बहने से ग्रामीणों ने रस्सी के सहारे उसे निकाला। गागरीन बांध से पानी छोडऩे के चलते पिड़ावा से खेजडिय़ा और डेडेंरा गांव का रास्ता बंद रहा। आहू नदी उफान पर होने से आवर-पगारिया मार्ग बंद रहा।
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