इसके अलावा यहां आने वाले महिला-पुरुषों के लिए अलग-अलग सुविधा केन्द्र होंगे। साइकिलिंग करने वालों का भी कंसेप्ट मास्टर प्लान में खास ध्यान रखा गया है। साइकिल चलाने के लिए यहां अलग से ट्रेक का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा जॉगिंग टे्रक, वॉक-वे, नोडल प्लाजा, दृश्य निहारने के लिए दीर्घा और लेजर गार्डन भी लुभाएंगे। बायोडावयर्सिटी पार्क में 4 सरोवर बनाए जाएंगे। लोन, फूडकोर्ट के साथ बायोडायवर्सिटी पार्क के रखरखाव और सेवाओं के कुशल संचालन के लिए भी एक केन्द्र बनाया जाएगा। मौजूदा स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स, मंदिर और गुरुद्वारा भी खास रहेंगे। पार्क का प्रवेश द्वार खास डिजाइन से तैयार किया जाएगा। यहीं से यह अहसास हो जाएगा कि प्राकृतिक परिवेश के निकट आ गए हैं। प्रवेश द्वार के पास पार्किंग स्थल बनेगा, गार्ड हट बनाई जाएगी। भविष्य की जरूरत को देखते हुए यहां टिकट काउंटर का निर्माण किया जाएगा।
लिली पोंड
यहां लिली पोंड भी आकर्षण का केन्द्र होगा। इसमें जलीय पादप देखने को मिलेंगे। इसके पास खड़े होकर देखने के लिए प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा।
योगा गार्डन
ऑक्सीजोन में योगा गार्डन भी विकसित किया जाएगा, जहां पर नियमित योगाभ्यास और प्रशिक्षण की सुविधा मिल सकेगी। यहां
आने वाले योग को अपनाकर स्वस्थ रह सकेंगे।
वॉच टावर
ऑक्सीजोन के मनोहारी दृश्यों को निहारने के लिए वॉच टावर बनाया जाएगा। यह जिस जगह बनेगा, वहां से संपूर्ण बायोडायवर्सिटी पार्क का विहंगम नजारा दिखाई देखा। इस पर चढऩा बहुत आसान होगा।
ऑक्सीजोन के मनोहारी दृश्यों को निहारने के लिए वॉच टावर बनाया जाएगा। यह जिस जगह बनेगा, वहां से संपूर्ण बायोडायवर्सिटी पार्क का विहंगम नजारा दिखाई देखा। इस पर चढऩा बहुत आसान होगा।
चिल्ड्रन प्ले एरिया
पार्क में छोटे बच्चों की जरूरत का भी ध्यान रखा जाएगा। उनके लिए अलग से प्ले एरिया बनाया जाएगा, जहां वे चुनिंदा खेल का अभ्यास कर सकेंगे।
नेचुरोपैथी सेन्टर
बायोडायवर्सिटी पार्क में नेचुरोपैथी सेन्टर भी बनाया जाएगा। जहां पर व्याधियों का प्राकृतिक तरीकों से उपचार होगा। प्रदूषण और अन्य हानिकारक दुष्प्रभावों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। नेचुरोपैथी सेन्टर पर हवा, पानी और मिट्टी से उपचार होता है।
सामूहिक प्रयास से शहर बनेगा स्मार्ट
जिला कलक्टर गौरव गोयल ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत आईएल परिसर में ऑक्सीजोन विकसित करने योजना को स्मार्ट सिटी बोर्ड के एडवाइजरी बोर्ड और निदेशक मंडल की बैठक में स्वीकृति मिल गई है। इसमें सांसद, विधायक और नगर विकास न्यास के अध्यक्ष व महापौर भी शामिल हैं। ऑक्सीजोन में दस हजार से ज्यादा पौधे लगाए जाएंगे। इसमें 5.5 किमी के जॉगिंग टे्रक, साइकल ट्रेक और वॉकिंग ट्रेक विकसित होने पर कोटा वासियों को जयपुर के सेन्ट्रल पार्क जैसी सुविधा मिल जाएगी। इस पर करीब 25 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका प्राथमिक कंसेप्ट मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। इसका क्रियान्वयन जल्द किया जाएगा। ऑक्सीजोन शहर के लोगों की सेहत और फुर्सत का समय गुजारने के लिए बहुत उपयोग साबित होगा। इसे प्राकृतिक स्वरूप देने का प्रयास किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी के तहत शहर में बहुत से कार्य होंगे। उनके रखरखाव में जनता के सहयोग की भी जरूरत रहती है। लोगों के सामूहिक प्रयास से ही कोटा स्मार्ट सिटी का स्वरूप लेगा।
जिला कलक्टर गौरव गोयल ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत आईएल परिसर में ऑक्सीजोन विकसित करने योजना को स्मार्ट सिटी बोर्ड के एडवाइजरी बोर्ड और निदेशक मंडल की बैठक में स्वीकृति मिल गई है। इसमें सांसद, विधायक और नगर विकास न्यास के अध्यक्ष व महापौर भी शामिल हैं। ऑक्सीजोन में दस हजार से ज्यादा पौधे लगाए जाएंगे। इसमें 5.5 किमी के जॉगिंग टे्रक, साइकल ट्रेक और वॉकिंग ट्रेक विकसित होने पर कोटा वासियों को जयपुर के सेन्ट्रल पार्क जैसी सुविधा मिल जाएगी। इस पर करीब 25 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका प्राथमिक कंसेप्ट मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। इसका क्रियान्वयन जल्द किया जाएगा। ऑक्सीजोन शहर के लोगों की सेहत और फुर्सत का समय गुजारने के लिए बहुत उपयोग साबित होगा। इसे प्राकृतिक स्वरूप देने का प्रयास किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी के तहत शहर में बहुत से कार्य होंगे। उनके रखरखाव में जनता के सहयोग की भी जरूरत रहती है। लोगों के सामूहिक प्रयास से ही कोटा स्मार्ट सिटी का स्वरूप लेगा।
ऑक्सीजोन बनाने का निर्णय ऐतिहासिक है, दस हजार से ज्यादा पौधे लगने पर यहां की तस्वीर बदल जाएगी। यह प्ररेणा का केन्द्र भी बनेगा। स्मार्ट सिटी के तहत होने वाले इस कार्य सभी को हर संभव सहयोग करना चाहिए। हमने जनहित में यह पहल की है।
संदीप शर्मा, विधायक, कोटा दक्षिण
नगर विकास न्यास की ओर से शहर को हरा भरा बनाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। शहर के बीच में ऑक्सीजोन बनाने में हर संभव मदद करेंगे।
आर.के. मेहता, अध्यक्ष यूआईटी