नव संवत्सर पर सुबह मोती महल परिसर में राजसी परम्पराओं और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वंशवर्धन सिंह का राजतिलक किया गया। इसके साथ ही 12 वर्ष से रिक्त बूंदी पूर्व राजपरिवार के मुखिया के तौर पर अब वंशवर्धन सिंह पहचाने जाएंगे। सुबह मोतीमहल में स्नान-अभिषेक के बाद सिंह ने आशापुरा माता मंदिर, भगवान रंगनाथ और मोती महल में सतियों की पूजा अर्चना की। मोती महल श्वेत वस्त्र और केसरिया साफे पहने लोगों से भर गया। ढोल नगाड़ों के बीच वंशवर्धन सिंह मोती महल गार्डन पहुंचे। इसके बाद रंगनाथ मंदिर से पाग लाई गई। भंवर जितेन्द्र सिंह ने वंशवर्धन को पाग धारण करवाने के बाद राजपुरोहित रमेश शर्मा ने राजतिलक किया।
शाही परम्परा के साक्षी बने कई प्रमुख लोग-
इस आयोजन में पूर्व राजपरिवारों व ठिकानों से जुड़े सदस्य के रूप में बीकानेर के रविराज सिंह, बदनौर के वीपी सिंह, सिरोही के पद्मश्री रघुवीर सिंह, अलवर के मानवेन्द्र प्रताप सिंह, कापरेन के बलभद्रसिंह, खिल्चिपुर के प्रियवृत्त सिंह, राघौगढ़ मध्यप्रदेश के जयवर्धनसिंह, कच्छ के प्रतापसिंह, भीण्डर के रणधीरसिंह आदि ने आयोजन में शिरकत की। इस मौके पर खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना, बूंदी विधायक अशोक डोगरा, केशवरायपाटन विधायक चंद्रकांता मेघवाल, सैनिक कल्याण बोर्ड के चेयरमैन मानवेन्द्रसिंह जसोल, पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा, जिला प्रमुख चन्द्रावती कंवर, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिमोहन शर्मा, राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरमैन रही ममता शर्मा, जिला कलक्टर रेणु जयपाल, पुलिस अधीक्षक जय यादव भी समारोह का हिस्सा बने।
दस्तूर भेंट किया-
प्रदेश के पूर्व राजपरिवारों के सदस्यों ने दस्तूर पेश किया। सबसे पहले अलवर के भंवर जितेन्द्र सिंह ने दस्तूर झिलाया। इसके बाद वंशवर्धन सिंह के ससुराल ठिकाना धनानी के ठाकुर दीपसिंह चम्पावत की ओर से दस्तूर पेश किया। फिर कोटा के पूर्व राजपरिवार की ओर से भेजे गए दस्तूर को भेंट किया गया। इसके बाद सिंह के परिवार की ओर से दस्तूर दिया। कोटडिय़ात और ठिकानेदारों की ओर से दस्तूर, नजर-निछरावल पेश की गई।
रतनदौलत में सजा दरबार-
तिलक दस्तूर में बूंदी की पूर्व रियासत की परम्पराएं जीवंत दिखी। यहां रतन दौलत में दरबार सजा, जिसमें पूर्व जागीरदारों ने नजर दस्तूर पेश की। शाम को बूंदी शहर में जुलूस निकाल गया।
ढोल नगाड़ों के बीच वंशवर्धन सिंह मोती महल गार्डन पहुंचे-
सुबह मोतीमहल में स्नान-अभिषेक के बाद सिंह ने आशापुरा माता मंदिर, भगवान रंगनाथ और मोती महल में सतियों की पूजा अर्चना की। मोती महल श्वेत वस्त्र और केसरिया साफे पहने लोगों से भर गया। ढोल नगाड़ों के बीच वंशवर्धन सिंह मोती महल गार्डन पहुंचे। इसके बाद रंगनाथ मंदिर से पाग लाई गई। भंवर जितेन्द्र सिंह ने वंशवर्धन को पाग धारण करवाने के बाद राजपुरोहित रमेश शर्मा ने राजतिलक किया।
जन्मदिन पर वज्रनाभ को मिला तोहफा-
वंशवर्धनसिंह के दो वर्षीय पुत्र वज्रनाभसिंह का 2 अप्रेल को जन्मदिन आता है। अपने जन्मदिन दो अप्रेल के दिन ही उनके पिता वंशवर्धनसिंह का बूंदी के पूर्व राजपरिवार के सदस्य के रूप में राजतिलक हुआ।