Mandi News: केन्द्र सरकार की ओर से चावल निर्यात पर रोक लगाने का असर हाड़ौती के किसानों पर भी पड़ रहा है। निर्यात नहीं होने से धान (चावल) के दामों में प्रति क्विंटल 400 से 500 रुपए तक की गिरावट आ गई है। इससे किसान परेशान हैं। प्रदेश में हाड़ौती धान उत्पादन में पहले पायदान पर है।
कोटा•Oct 12, 2023 / 04:31 pm•
Akshita Deora
कोटा. Mandi News: केन्द्र सरकार की ओर से चावल निर्यात पर रोक लगाने का असर हाड़ौती के किसानों पर भी पड़ रहा है। निर्यात नहीं होने से धान (चावल) के दामों में प्रति क्विंटल 400 से 500 रुपए तक की गिरावट आ गई है। इससे किसान परेशान हैं। प्रदेश में हाड़ौती धान उत्पादन में पहले पायदान पर है। इन दिनों कोटा, बूंदी और बारां की कृषि मंडियां धान से अटी पड़ी हैं। हाड़ौती में खरीफ सीजन में डेढ़ लाख हेक्टेयर से अधिक में धान की बुवाई है। मंडियों में नए धान की जबर्दस्त आवक शुरू हुई है। दो दिन में चार लाख बोरी धान मंडियों में बिकने आ गया, लेकिन निर्यातकों ने खरीद से हाथ खींच लिए। इस कारण दामों में गिरावट आ गई है।
इन देशों में होता है निर्यात
बूंदी के बासमती चावल के स्वाद की दुनिया कायल है। यहां के चावल की इराक, इरान, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमिरात आदि में काफी मांग है।
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