फूल विक्रेताओं को यार्ड दो में बिठाने पर बिफरे व्यापारी
– यार्ड दो का मामला :- पीपल्दा विधायक की अध्यक्षता में हुई बैठक में यार्ड दो में भूखण्ड आवंटन का हुआ था निर्णय
फूल विक्रेताओं को यार्ड दो में बिठाने पर बिफरे व्यापारी
कोटा। थोक फल-सब्जी मंडी प्रशासन ने यार्ड दो में अतिक्रमण हटाने के बाद बिना सरकार की अनुमति के इस यार्ड में फूल विक्रेताओं को कारोबार की अनुमति दे दी है। इसको लेकर मंडी बोर्ड के संचालक और माशाहखोरों ने मंडी प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाया है। उधर भाजपा शासन में यार्ड दो के मामले में सरकार ने विधानसभा में एक प्रश्न के सवाल पर कहा था कि यार्ड दो फल और सब्जी विक्रेताओं को आवंटित किया जाएगा। लेकिन बाद में योजना को ही अधिकारियों ने बदल दिया है।मंडी समिति बोर्ड के संचालक अशोक अग्रवाल ने बताया कि नवम्बर 2019 में पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में यार्ड दो में लाइसेंस धारक सब्जी विक्रेताओं व किसानों को भूखण्ड आवंटन का निर्णय किया था। यह प्रस्ताव बोर्ड की बैठक की कार्रवाई में भी अंकित किया गया है। इस यार्ड में कुल 350 भूखण्ड आवंटित किए जाने थे, जिसमें 72 किसान भी शामिल थे, लेकिन बोर्ड ने 2018 में बैठक कर आवंटन की प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया था। विधायक को यह जानकारी मिलने पर उन्होंने पुन: प्रस्ताव पारित कर सरकार को भिजवाने को कहा था, लेकिन मंडी प्रशासन ने कोरोना काल में यार्ड दो में माशाहखोरों को अतिक्रमी बताकर प्रशासन के सहयोग से हटवा दिया है। अग्रवाल ने बताया कि फूल विक्रेताओं और सब्जी विक्रेताओं को प्रशासन ने पहले तो अतिक्रमी मानकर हटा दिया है और दो दिन पहले गुपचुप तरीके से फूल वालों को यार्ड दो में कारोबार की जगह दे दी है। इसके लिए कोई प्रक्रिया भी नहीं बनाई गई है। बेशकीमत जगह अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए दे दी है। उन्होंने इस बारे में जिला प्रशासन, कृषि मंत्री तथा मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी है। मंडी समिति के अध्यक्ष ओम मालव का कहना है कि 2018 में बोर्ड बैठक में यार्ड दो के आवंटन का प्रस्ताव निरस्त कर लाइसेंसधारकों को शुल्क लौटा दिया था। फूल विक्रेता मंडी शुल्क देते हैं, इस कारण उन्हें यार्ड दो में बिठाया गया है। विधायक की बैठक में प्रस्ताव जबर्दस्ती लिखवाया गया था।
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