अब तक यह देखा जा रहा है कि मुख्य हॉस्पिटल दूर होने के कारण मरीजों को लेकर लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। छोटी-छोटी बीमारियों के चलते वहां चिकित्सकों पर मरीजों का भार रहता है। इस क्लीनिक के खुलने से क्षेत्र के लोग आसानी से उपचार करवा पाएंगे। राज्य सरकार की 2019 की घोषणा के बावजूद कोटा में एक भी जनता क्लिनिक नहीं खुला सका था।
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https://www.patrika.com/kota-news/humrah-at-kst-hamrah-program-of-rajasthan-patrika-7917010/ यह रहेगा स्टाफ जनता क्लीनिक पर एक चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ ,एक फार्मासिस्ट व एएनएम नियुक्त किए जाएंगे। यहां पर 418 तरह की दवाएं और 15 प्रकार की जांच में मुफ्त होगी। इनमें प्राइमरी सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार, उल्टी-दस्त आदि बीमारियों का इलाज हो सकेगा। यह क्लिनिक क्षेत्रवासियों के लिए फायदेमंद साबित होगा। इससे अब यहां के लोगों को चिकित्सा सेवाओं के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।
इन जगहों पर खुलेंगे जनता क्लिनिक चिकित्सा विभाग के अनुसार, डीसीएम क्षेत्र का प्रेमनगर तृतीय, बोरखेड़ा क्षेत्र का सूरसागर, कालातालाब क्षेत्र का मानपुरा, नयानोहरा, स्टेशन पर कैलाशपुरी, पुरोहित जी की टापरी क्षेत्र में पूनम कॉलोनी, अनंतपुरा क्षेत्र का गोबरिया बावड़ी, दादाबाड़ी क्षेत्र का शिवपुरा में जनता क्लिनिक खुलेगा। इनमें जगह दो स्कूल, एक मंदिर, जनसहयोग और शेष किराए से संचालित की जाएगी।
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https://www.patrika.com/kota-news/cm-ashok-gehlot-approved-120-80-crores-for-kota-greenfield-airport-7916372/ यह थी योजना राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने तीसरे कार्यकाल में प्रदेश की जनता को निरोगी बनाने के 18 दिसंबर, 2019 को ‘निरोगी राजस्थान’ अभियान की शुरूआत की है। इस अभियान के तहत शहरी क्षेत्र के गरीब लोगों को उनके घर के नजदीक ही नि:शुल्क चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए ‘जनता क्लिनिक’ की शुरूआत की। प्रदेश का पहला ‘जनता क्लिनिक’ जयपुर के वाल्मीकि नगर में खोला गया है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में करीब 500 जनता क्लिनिक खोले जाने हैं।
इनका यह कहना कोटा शहर में आमजन को घर के नजदीक नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए जनता क्लिनिकल खोल जाएंगे। इसके लिए आठ जगहों का चयन कर लिया है। यह प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से संचालित किए जाएंगे। इसके टेंडर की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। क्लिनिक पर डॉक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर व एएनएम रहेगा। दवाइयां व जांचें फ्री रहेगी। पहले चरण में हम पीएचसी को बजट जारी करेंगे। वे सुविधा अनुसार फर्म को देंगे। उसके बाद एमआरएस से सीधे फर्म को बजट जारी हो जाएगा।
डॉ. जगदीश सोनी, सीएमएचओ, कोटा