इस चर्च की स्थापना 1893-1894 में फादर बोनर ने करवाई। चर्च के रेव्हरेंट रेमसन विक्टर ने बताया कि इतिहासकार जगत नारायण के अनुसार फादर बोनर ने चर्च के लिए पत्र लिखा था। इस पर महाराव उम्मेद सिंह द्वितीय ने चर्च के लिए जमीन दी। चर्च के लिए नयापुरा स्थित सराय को चुना गया था, लेकिन बाद में बोनर ने विचार किया कि चर्च शहर के बीच होना चाहिए।
इसी उद्देश्य को लेकर उन्होंने वर्तमान जगह का चयन किया। यहां पहले तालाब था, इसके पास बड़ी मात्रा में गंदगी जमा थी। बोनर ने इस गंदगी को साफ करवाया।महाराव उम्मेद सिंह ने बोनर के प्रार्थना पत्र पर नयापुरा के स्थान पर इस जगह को चर्च के लिए दे दिया। इसके बाद इस जगह पर चर्च का निर्माण करवाया गया।
अब यह चर्च समुदाय के लिए आस्था का प्रमुख केन्द्र है। इस सुन्दर व भव्य चर्च में अन्य जगहों से भी लोग आते हैं। इस तरह की गई स्थापना इतिहासकार डॉ. जगतनारायण के एक लेख के अनुसार 1817 ईस्वी में कोटा राज्य की इस्ट इण्डिया कम्पनी से संधि होने के बाद इसाई समाज के लोगों का कोटा में आना शुरू हो गया था, लेकिन लंबे समय तक चर्च भवन की स्थापना नहीं हुई थी।
फादर बोनर ने चर्च की स्थापना करवाई। फादर बोनर द्वारा कोटा में चर्च की स्थापना को लेकर प्रयास का उदाहरण उनके द्वारा कोटा में पॉलीटिकल एजेन्ट कर्नल वॉली को 15 अप्रेल 1891 ईस्वी को लिखे पत्र से मिलता है।