ग्राम पंचायत निवासी निरंजन राठौर ने बताया कि पहली ही बारिश में पुलिया टूट गई है और जवाहरनगर से तहसील मुख्यालय, जिला मुख्यालय का संपर्क टूट गया है। वही दूसरा सड़क मार्ग गांधी सागर सड़क मार्ग है। जहां वन विभाग की ओर से आने पर राशि वसूल की जाती है। ग्रामीणों को वन विभाग की ओर से निकालने के लिए पैसे लिए जाते है और शाम को दिन अस्त होने के बाद रास्ता बंद कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायत जवाहर नगर के निवासियों का दोनों सड़क मार्ग से तहसील मुख्यालय, जिला मुख्यालय एवं अन्य क्षेत्रों से सड़क संपर्क टूट गया है।
साल भर से क्षतिग्रस्त पुलिया
जवाहर नगर निवासी अनिल जैन ने बताया पुलिया दो वर्षों से क्षतिग्रस्त है। सार्वजनिक निर्माण विभाग और अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी इस पुलिया के निर्माण के लिए कोई रुचि नहीं दिखाई। ग्रामीणों के आने-जाने का रास्ता बंद हो गया है। ग्राम पंचायत में 11 गांव हैं और सात गांव का रास्ता बंद हो गया है।पिछले साल आवागमन शुरू किया था
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले वर्ष ग्रामीणों ने और सार्वजनिक निर्माण विभाग ने मिलकर पुलिया पर पत्थर और मिट्टी डालकर रास्ते को शुरू किया था। लेकिन उसके बाद किसी भी जनप्रतिनिधि या विभाग की ओर से इसके निर्माण के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई।इनका कहना है
पुलिया निर्माण के लिए एस्टीमेट बनाकर भेजा गया था। लेकिन अधिशासी अभियंता कार्यालय बेगूं द्वारा इस पर कोई कार्यवाही अभी तक अमल पर नहीं लाई गई। पुलिया पर पानी बह रहा है। पानी रुकने के बाद इसकी आवश्यक मरम्मत कराकर रास्ता चालू किया जाएगा।उदय भान सिंह, सहायक अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग, रावतभाटा
एस्टीमेट गया हुआ है लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं आई। स्वीकृति आने पर ही पुलिया का निर्माण कराया जा सकता है। इसके लिए विधायक से अनुशंसा कराकर दोबारा प्रस्ताव भेजे जाएंगे। राजीव अग्रवाल, अधिशासी अभियंता, बेगूं